प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज से दो दिवसीय 27 और 28 अगस्त को गुजरात के दौरे पर रहेंगे। पीएम मोदी अपने इस दौरे पर गुजरात को बड़ी सौगात देंगे। गुजरात चुनाव से पहले पीएम मोदी का गुजरात दौरा काफी अहम माना जा रहा है। जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 अगस्त को शाम करीब साढ़े पांच बजे अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट पर खादी उत्सव को संबोधित करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी साबरमती रिवरफ्रंट के पास बने 'अटल ब्रिज' का उद्घाटन करेंगे
भुज में स्मृति वन स्मारक का उद्घाटन करेंगे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 अगस्त को सुबह करीब 10 बजे भुज में स्मृति वन स्मारक का उद्घाटन करेंगे। इसे लगभग 470 एकड़ के क्षेत्र में बनाया गया है, स्मारक में उन लोगों के नाम हैं, जिन्होंने भूकंप के दौरान अपनी जान गंवाई थी। वहीं, इसके बाद दोपहर करीब 12 बजे प्रधानमंत्री भुज में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री भुज में करीब 4400 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री सरदार सरोवर परियोजना की कच्छ शाखा नहर का उद्घाटन करेंगे। नहर की कुल लंबाई लगभग 357 किमी है। प्रधानमंत्री सरहद डेयरी के नए स्वचालित दूध प्रसंस्करण और पैकिंग प्लांट सहित कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे।
गांधीनगर में पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी भारत में सुजुकी के 40 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में गांधीनगर के महात्मा मंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री भारत में सुजुकी समूह की दो प्रमुख परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। भारत में सुजुकी के 40 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री शाम करीब 5 बजे गांधीनगर में कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।
क्यों खास है खादी उत्सव
खादी को लोकप्रिय बनाने, खादी उत्पादों के बारे में जागरूकता पैदा करने और युवाओं में खादी के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री का निरंतर प्रयास रहा है। बता दें कि खादी उत्सव अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट में आयोजित किया जाएगा और गुजरात के विभिन्न जिलों से 7500 महिला खादी कारीगर एक ही समय और एक ही स्थान पर चरखा कताई करते हुए दिखाई देंगे। इस कार्यक्रम में 1920 के दशक से उपयोग की जाने वाली विभिन्न पीढ़ियों के 22 चरखाओं को प्रदर्शित करके "चरखाओं के विकास" को प्रदर्शित करने वाली एक प्रदर्शनी भी होगी। इसमें "यरवदा चरखा" जैसे चरखे शामिल होंगे, जो स्वतंत्रता संग्राम के दौरान इस्तेमाल किए गए चरखाओं का प्रतीक है।