गुजरात

पीएम मोदी ने लॉन्च किया मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस, 5G पर कही ये बात

HARRY
20 Oct 2022 10:26 AM GMT
पीएम मोदी ने लॉन्च किया मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस, 5G पर कही ये बात
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Mission Schools of Excellence: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के गांधीनगर में एक कार्यक्रम के दौरान मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम में गुजरात के लगभग 20,000 शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों ने भाग लिया।

Mission Schools of Excellence: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार, 19 अक्तूबर को गुजरात के गांधीनगर स्थित अदालज में आयोजित एक कार्यक्रम में मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का शुभारंभ किया। यह मिशन विशेष रूप से गुजरात में नई कक्षाओं, स्मार्ट कक्षाओं, कंप्यूटर प्रयोगशालाओं की स्थापना और राज्य में स्कूलों के बुनियादी ढांचे के माध्यम से शिक्षा को मजबूत करने के लिए शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम में गुजरात के लगभग 20,000 शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों ने भाग लिया।

पीएम मोदी ने की आगामी परियोजना की घोषणा

पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए 5,567 करोड़ रुपये की एक आगामी परियोजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं को विभिन्न चरणों में शुरू किया जाएगा। उन्होंने अपनी सरकार की कई उपलब्धियों पर भी बात की, जिसमें 5G नेटवर्क का शुभारंभ, और NEP 2020 के तहत मजबूत शिक्षा प्रणाली का विकास शामिल रहा है।

अंग्रेजी से असहज लोग न रहें पीछे

प्रधानमंत्री ने कहा कि 5जी सेवा हमारी शिक्षा प्रणाली को अगले स्तर तक ले जाएगी। इसके लिए गुजरात ने मिशन स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से देश में पहला कदम उठाया है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय भाषाओं के उपयोग की वकालत की कि अंग्रेजी से असहज लोग पीछे न रहें। पीएम मोदी ने बताया कि पहले अंग्रेजी का ज्ञान पढ़े-लिखे और समझदार होने की निशानी माना जाता था। लेकिन अब चीजें पूरी तरह से बदल गई हैं।

शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव का दौर

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में गुजरात ने अपनी शिक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव का सामना किया है। इस बदलाव से राज्य भर के छात्रों को सकारात्मक मदद मिली है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब 100 छात्रों में से 20 कभी स्कूल नहीं जाते थे और लड़कियां शिक्षा प्रणाली का हिस्सा नहीं थीं, क्योंकि उन्हें कभी स्कूल नहीं भेजा जाता था। बड़ी संख्या में जो स्कूल जाते थे, वे कक्षा 8 तक पहुंचते-पहुंचते स्कूल छोड़ देते थे।

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