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जिंदगी पर संकट छाया है.
अहमदाबाद: गुजरात में बारिश और बाढ़ से हालात ऐसे हैं कि जिंदगी पर संकट छाया है. सड़कों पर सैलाब के बीच कारें बह रही हैं, घर-मकान डूब गए हैं. गुजरात में सैलाब ने ऐसा प्रहार किया है कि लोगों की सांसें अटक गई हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए हेलिकॉप्टर तक उतारने पड़े हैं.
गुजरात के जामनगर, राजकोट और जूनागढ़ में भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसे स्थिति हो गई है. सबसे खराब हालात जामनगर के हैं. जहां 35 गांवों का संपर्क ही कट गया है. एनडीआरएफ की 6 टीमें और वायुसेना के 4 हेलिकॉप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं. जिससे बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके.
लगातार बारिश के चलते जामनगर जिले में 18 बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं. कई इलाके पूरी तरह से पानी में डूबे हुए हैं. कई इलाकों में मकानों की पहली मंजिल तक पानी भर गया है. बाढ़ से बचाव के लिए ज्यादातर लोग अपने मकानों की छतों पर शरण लिए हुए हैं. NDRF की टीम घर में फंसे लोगों को निकाल रही है.
जामनगर :
— Janak Dave (@dave_janak) September 13, 2021
कालावड़ी नदी उफान पर।@6NDRFVADODARA
के जवानों द्वारा दिलधड़क रेस्क्यू।
31 लोगो को बचाया गया।@satyaprad1 @NDRFHQ @pkumarias pic.twitter.com/znVmHda473
भारी बारिश के कारण जामनगर और आस-पास के इलाकों में नदियां उफान पर हैं. कई जगह नदियां खतरे का निशान पार कर चुकी हैं. ऐसे में आसपास के लोगों को काफी परेशानी हो रही है. हालात को देखते हुए कई गांवों को अलर्ट किया गया है. साथ ही लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा जा रहा है.
बारिश से राजकोट का भी हाल बेहाल है. राजकोट के कई इलाकों में सैलाब ही सैलाब नजर आ रहा है. रस्सी के सहारे पानी में फंसे लोगों को निकाला जा रहा है. इस बीच मौसम विभाग (IMD) ने अगले 4-5 दिनों के लिए गुजरात में भारी बारिश (Heavy Rainfall) का अलर्ट भी जारी किया है. मौसम विभाग के मुताबिक गुजरात के तटीय इलाकों खासकर जामनगर, जूमागढ़, पोरबंदर, द्वारका, ओखा, राजकोट के कई हिस्सों में 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है.
भावनगर
— Janak Dave (@dave_janak) September 14, 2021
शेत्रुंजी बांध फिर छलकाया।
बांध ओवरफलौ होने से बांध के सभी 59 दरवाजे खोले गए है।निचले इलाकों को सचेत रहने के निर्देश दिए गए है।
ड्रोन से ली गयी तस्वीरे।@Bhupendrapbjp @pkumarias pic.twitter.com/W7emWBychq
वहीं, सीएम पद की शपथ लेते ही मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के सामने इन हालात से निपटना बड़ी चुनौती है. उन्होंने शपथ लेते ही बाढ़ को लेकर इमरजेंसी बैठक बुलाई और राहत और बचाव का काम तेज करने का निर्देश दिया.
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