गुजरात

पेपर लीक को लेकर GSSSB अध्यक्ष का विरोध करने पर विपक्ष के लोग गिरफ्तार

Deepa Sahu
23 Dec 2021 2:08 PM GMT
पेपर लीक को लेकर GSSSB अध्यक्ष का विरोध करने पर विपक्ष के लोग गिरफ्तार
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गुजरात अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (GSSSB) की तरफ से 12 दिसंबर को कराए गए.

गुजरात अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (GSSSB) की तरफ से 12 दिसंबर को कराए गए. हेड क्लर्क के एग्जाम को लेकर राजनीतिक माहौल गर्मा गया है. विपक्षी पार्टियां बोर्ड के अध्यक्ष असित वोरा के इस्तीफे की मांग कर रही हैं. उनकी तरफ से गांधीनगर स्थित BJP मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन भी किया गया. पुलिस ने इन पार्टियों के कई कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया है. इससे पहले राज्य सरकार इस एग्जाम के लीक होने की बात स्वीकार कर चुकी है. इसके चलते एग्जाम को रद्द कर दिया गया है. सरकार की तरफ से इस एग्जाम को फिर से अगले साल मार्च में कराने की बात कही गई है. वहीं पुलिस अभी तक इस मामले में 18 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.

कार्यकर्ताओं पर आपराधिक केस
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 20 दिसंबर को आम आदमी पार्टी (AAP) के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने गांधीनगर स्थित BJP मुख्यालयक के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान AAP और BJP कार्यकर्ताओं के बीच झड़प भी हुई. पुलिस ने उनके ऊपर लाठीचार्ज किया. रिपोर्ट के मुताबिक, दो दिन बाद 22 दिसंबर को आम आदमी पार्टी के बड़े नेताओं ने असित वोरा के इस्तीफे की मांग करते हुए अहमदाबाद डीएम कार्यालय के बाहर धरना देने की कोशिश की. हालांकि, पुलिस ने उन्हें पहले ही गिरफ्तार कर लिया.
इन नेताओं में AAP के विधायक गुलाब सिंह, गुजरात में पार्टी के वाइस प्रेसिडेंट भीमभाई चौधरी और एक अन्य वरिष्ठ नेता महेश सवानी शामिल रहे. पुलिस ने AAP के अध्यक्ष गोपाल इटालिया को भी गिरफ्तार किया. 22 दिसंबर को ही कांग्रेस के भी 30 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया. हालांकि, इन्हें बाद में छोड़ दिया गया. ये कार्यकर्ता भी पेपर लीक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए असित वोरा के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. दूसरी तरफ AAP के कार्यकर्ताओं और नेताओं के खिलाफ पुलिस ने IPC की धारा 120 B के तहत आपराधिक मामले दर्ज किए. इस पर आम आदमी पार्टी के नेता गुलाब सिंह यादव ने कहा,
"इस पूरे घटनाक्रम को लेकर जिस तरह से गुजरात बीजेपी के अध्यक्ष सीआर पाटिल और गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने प्रतिक्रिया दी है, मैं उससे आश्चर्यचकित हूं कि वो इतने बेशर्म कैसे हो सकते हैं. पुलिस ने हमारे 93 कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया है. इनमें से 28 महिलाएं हैं. असित वोरा इस पूरे पेपर लीक के पीछे हैं. उनके खिलाफ तो कोई आपराधिक केस दर्ज नहीं किया गया है. अभी तक तो वोरा को पद से हटा दिया जाना चाहिए था. उनके खिलाफ FIR दर्ज हो जानी चाहिए थी."
आरोपियों के पास मिले लाखों रुपये
12 दिसंबर को हुए हेड क्लर्क एग्जाम के अगले दिन 13 दिसंबर को आम आदमी पार्टी के यूथ विंग के उपाध्यक्ष युवराज सिंह जडेजा ने बड़ा दावा किया. कहा कि उनके पास पेपर लीक होने और इसे राज्य के अलग-अलग हिस्सों में 6 से 12 लाख रुपये में बेचे जाने के सबूत हैं. उनके इस दावे के बाद 21 दिसंबर को गुजरात सरकार ने भी पेपर लीक होने की बात स्वीकार ली और 12 दिसंबर को हुई परीक्षा को रद्द घोषित कर दिया. इस एग्जाम के तहत 186 पदों पर नियुक्ति होनी थी और कुल 88 हजार परीक्षार्थी इसमें शामिल हुए थे.इस बीच पुलिस ने पेपर लीक के प्रमुख आरोपी जयेश पटेल और उसके सहयोगी दीपक पटेल को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इस मामले में कुछ परीक्षार्थियों को भी गिरफ्तार किया. इनमें दो महिलाएं भी हैं. उन्हें गुजरात के साबरकांठा से गिरफ्तार किया गया है. जयेश पटेल और दीपक पटेल के पास से 34 लाख रुपये मिले हैं. पुलिस के मुताबिक, अब तक इस पेपर लीक मामले में कुल 18 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और इनके पास से लगभग साढ़े 78 लाख रुपये बरामद हुए हैं.
इसके अलावा पुलिस ने उस प्रिंटिंग प्रेस के सुपरवाइजर किशोर आचार्य को भी गिरफ्तार किया है, जिसे बोर्ड की तरफ से एग्जाम पेपर प्रिंट करने का ठेका मिला था. ये प्रिंटिंग प्रेस अहदाबाद के सानंद में है. पुलिस का कहना है कि किशोर आचार्य ने पेपर के एक सेट को बेचने की बात कबूली है.
असित वोरा के खिलाफ जांच
पुलिस को असित वोरा की तरफ से की गई कथित आपराधिक लापरवाही के बारे में भी पता चला है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, गांधीनगर और साबरकांठा पुलिस ने इस संदर्भ में भी जांच शुरू कर दी है. गुजरात पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अखबार को बताया,
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