गुजरात

विवाद में फंसे लोक-साहित्यकार सहित तीन दो दिनों के रिमांड पर

Gulabi Jagat
19 Dec 2022 1:27 PM GMT
विवाद में फंसे लोक-साहित्यकार सहित तीन दो दिनों के रिमांड पर
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विवाद में फंसे गुजरात के लोक-साहित्यकार देवायत खवड़ कई दिनों तक फरार रहने के बाद पुलिस के सक्षम उपस्थित हुए। उनके दो साथी हरेश उर्फ कानो रबारी और किशन कुंभारवाडिया ने भी पुलिस के समक्ष आत्म समर्पण किया। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर अदालत में प्रस्तुत किया जहां तीनों को दो दिनों की रिमांड पर भेजा गया है। देवायत खवड़ ने मयूरसिंह राणा नामक शख्स और उसके परिजनों पर हमला किया था, जिसकी गूंज प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंची थी और उसके बाद देवायत खवड़ ने राजकोट पुलिस के समक्ष आत्म समर्पण किया था।
खवड़ पुलिस के समक्ष हाजिर हुए उसके बाद राजकोट पुलिस को बाकायदा पत्रकार परिषद आयोजित करनी पड़ी जिसमें एसीपी भार्गव पंड्या ने कहा कि मयूरसिंह राणा पर किये गये हमले के केस में देवायत खवड़ ने सरेंडर किया है। अपराध में उपयोग में ली गई नंबर प्लेट बिना की स्विफ्ट कार की खोज जारी है। साथ ही देवायत को आसरा देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी। देवायत खवड़ लोक साहित्यकार हैं, बावजूद इसके उनके साथ आरोपी की तरह की बर्ताव किया जायेगा।
दूसरी ओर देवायत खवड़ के वकील ने पत्रकारों को बताया कि पुलिस ने 307 धारा के अंतर्गत मामला दर्ज किया है, लेकिन हकीकत में पुलिस की एफआईआर ही गलत है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एफआईआर की गई है उस फुटेज में स्पष्ट रूप से नजर आ रहा है कि ऐसे किसी व्यक्ति जिसका चेहरा नहीं दिख रहा वह लाठी या लोहे की सलाख नूमा चीज से उस पर हमला कर रहा है, उसके पैर पर चोट कर रहा है। सिर के हिस्से में कहीं चोट नहीं पहुंचाई है। सात से आठ बार वार किया है लेकिन कोई गंभीर चोट नहीं पहुंचाई है। तो ऐसे मामले में धारा 307 का उपयोग कतई नहीं किया जा सकता। खैर, देवायत खवड़ और उनके दोनों साथी सोमवार सायं 4 बजे तक पुलिस रिमांड पर हैं। आगे देखना होगा जांच में क्या तथ्य उभर कर सामने आते हैं।
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