प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने केवडिया (गुजरात) के एकता नगर में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी में 'मिशन लाइफ' (Mission LiFE) लॉन्च किया। इस मौके पर विदेश मंत्री एस जयशंकर और राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद थे।
यूके के पीएम लिज ट्रस, मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह, मेडागास्कर के राष्ट्रपति एंड्री राजोएलिना, पीएम जॉर्जिया इराकली गैरीबाशविली, एस्टोनिया के पीएम काजा कैलास और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन सहित कई राष्ट्र प्रमुखों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस कार्यक्रम को संबोधित किया।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि 'मिशन लाइफ' क्या है?
'मिशन लाइफ', जिसे पर्यावरण के लिए जीवन शैली के रूप में भी जाना जाता है, का उद्देश्य स्थिरता के प्रति लोगों के सामूहिक दृष्टिकोण को बदलने के लिए त्रिस्तरीय रणनीति का पालन करना है।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, 'इसमें व्यक्तियों को अपने दैनिक जीवन (मांग) में सरल लेकिन प्रभावी पर्यावरण के अनुकूल कार्यों का अभ्यास करने के लिए प्रेरित करना, उद्योगों और बाजारों को बदलती मांग (आपूर्ति) के लिए तेजी से प्रतिक्रिया करने में सक्षम बनाना, और स्थायी खपत और उत्पादन दोनों का समर्थन करने के लिए सरकार और औद्योगिक नीति को प्रभावित करना शामिल है।'
इस कार्यक्रम के तहत दुनिया भर से भारतीय मिशनों के 118 प्रमुखों (राजदूतों और उच्चायुक्तों) एक साथ आए। विज्ञप्ति में कहा गया है कि तीन दिनों में फैले अपने 23 सत्रों के माध्यम से, सम्मेलन समकालीन भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक वातावरण, कनेक्टिविटी और भारत की विदेश नीति प्राथमिकताओं जैसे मुद्दों पर विस्तृत आंतरिक चर्चा करने का अवसर प्रदान करेगा।'
पीएम ने कहा, 'जलवायु परिवर्तन का मुद्दा हर जगह देखा जा रहा है, हमारे ग्लेशियर पिघल रहे हैं, नदियां सूख रही हैं… मिशन लाइफ जलवायु संकट से लड़ने में मदद करेगा।'