गुजरात

आदिवासी परंपरा से अनजान थे मंत्री राघवजी पटेल, कहा- मैं समझा चरणामृत

SANTOSI TANDI
10 Aug 2023 7:23 AM GMT
आदिवासी परंपरा से अनजान थे मंत्री राघवजी पटेल, कहा- मैं समझा चरणामृत
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- मैं समझा चरणामृत
गुजरात में नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा में आदिवासी दिवस समारोह के अवसर पर राज्य के कृषि मंत्री राघवजी पटेल गलती से शराब का एक घूंट पी गए। दरअसल समारोह के दौरान एक आदिवासी ने पान के पत्ते में उन्हें देसी शराब दी थी, जिसे राघवजी पी गए।
धरती माता को अर्पित करनी थी शराब
बाद में उन्होंने कहा कि मैं आदिवासी परंपरा से अनजान था। उस दौरान मैंने समझा कि मुझे चरणामृत दिया जा रहा है, जिसे मैं पी गया। जबकि, मुझे दोने में वह शराब धरती माता को अर्पित करनी थी। मुझे कुछ लोगों ने यह बात बताई, तब मुझे अपनी गलती का अहसास हुआ।
पुजारी ने कृषि मंत्री समेत अन्य नेताओं को धरती की पूजा करने के लिए पान के पत्तों में शराब दी थी।
पुजारी ने कृषि मंत्री समेत अन्य नेताओं को धरती की पूजा करने के लिए पान के पत्तों में शराब दी थी।
पुजारी ने पान में दी थी देसी शराब
आज विश्व आदिवासी दिवस राज्य के कृषि मंत्री राघवजी पटेल की मौजूदगी में नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा में मनाया गया। इस सार्वजनिक कार्यक्रम में आदिवासी परंपरा के अनुसार पूजा का भी आयोजन किया गया था। दरअसल आदिवासी पूजा के दौरान देसी शराब से धरती माता का अभिषेक करते हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है। इसी दौरान आदिवासी पुजारी ने कृषि मंत्री समेत अन्य नेताओं को धरती की पूजा करने के लिए पान के पत्तों में शराब दी थी।
मीडिया से बात करते हुए राघवजी पटेल ने कहा- मैंने समझा कि मुझे चरणामृत दिया जा रहा है, जिसे मैं पी गया।
मीडिया से बात करते हुए राघवजी पटेल ने कहा- मैंने समझा कि मुझे चरणामृत दिया जा रहा है, जिसे मैं पी गया।
क्यों मनाया जाता है विश्व आदिवासी दिवस
संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1982 को एक समिति का गठन किया गया था। इसकी पहली बैठक उसी साल 9 अगस्त को हुई थी। 10 वर्ष बाद ई.1992 में ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में 'पृथ्वी सम्मेलन' का आयोजन किया गया। जिसमें 68 देशों के 400 आदिवासी नेताओं ने भाग लिया और विश्व समुदाय से आदिवासियों और प्रकृति को बचाने के लिए वैश्विक जागरूकता अभियान चलाने की अपील की।
इसके अनुसरण में, संयुक्त राष्ट्र संघ के 11वें सत्र ने इस वर्ष को 'विश्व आदिवासी वर्ष' घोषित किया और चूंकि संयुक्त राष्ट्र लीग की पहली बैठक 9 अगस्त को हुई थी, इसलिए वर्ष 1993 से हर वर्ष 9 अगस्त को 'विश्व आदिवासी दिवस' मनाए जाने की घोषणा की गई।
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