गुजरात

साबरमती आश्रम जाने वाले पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बने जानसन

Deepa Sahu
21 April 2022 6:45 PM GMT
साबरमती आश्रम जाने वाले पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री बने जानसन
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भारत की यात्रा पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने महात्मा गांधी को असाधारण व्यक्ति करार दिया।

अहमदाबाद, भारत की यात्रा पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने महात्मा गांधी को असाधारण व्यक्ति करार दिया। जानसन गुरुवार को साबरमती आश्रम पहुंचे। इसके साथ ही वे वहां जाने वाले ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री बन गए। साबरमती आश्रम वही जगह है, जहां से महात्मा गांधी ने एक दशक से ज्यादा समय तक ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ भारत के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व किया था। बोरिस जानसन 1947 के बाद गुजरात की यात्रा करने वाले पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री भी हैं। ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में अपनी पहली भारत यात्रा पर जानसन गुरुवार सुबह अहमदाबाद के सरदार पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहुंचे, जहां गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल आदि ने उनका भव्य स्वागत किया। एयरपोर्ट से गांधी आश्रम तक सड़क के दोनों ओर गुजरात और अन्य राज्यों के कलाकारों ने उनको भारत की सांस्कृतिक झांकी का दर्शन कराया। जानसन अपनी कार का शीशा नीचे करके लगातार हाथ हिलाकर कलाकारों का अभिवादन करते रहे।


महात्मा गांधी को किया नमन
साबरमती आश्रम पहुंचकर जानसन ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। गांधीजी के आवास हृदयकुंज में चरखा काता तथा कहा कि वे गांधीजी के विचारों से काफी प्रभावित हुए हैं। इस भूमि पर आकर खुद को धन्य समझते हैं। जानसन ने यहां मीरा कुटीर भी देखा। ब्रिटिश नागरिक लेडी मेडलिन स्लेड गांधीजी से प्रभावित होकर आश्रम में रहने लगी थीं, जिन्हें मीराबेन के नाम से पुकारा जाने लगा। आश्रम की डायरी में जानसन ने लिखा, मेरा यहां अच्छा अनुभव रहा। सत्य और अहिंसा से दुनिया को कैसे बदला जा सकता है, गांधीजी ने इसका उदाहरण पेश किया। बोरिस जानसन इसके बाद भारतीय उद्योगपति और अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी से मिलने उनके दफ्तर पहुंचे। इसके बाद उन्होंने हालोल में जेसीबी प्लांट को देखा।ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन की शुक्रवार को दोपहर उनकी पीएम नरेन्द्र मोदी के साथ शीर्ष स्तरीय वार्ता होगी। यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद बदलती वैश्विक व्यवस्था और वैश्विक अर्थव्यवस्था में हो रहे बदलाव को देखते हुए भारत और ब्रिटेन किस तरह से अपने द्विपक्षीय रिश्तों को आगे बढ़ाएं, यह इन नेताओं के बीच होने वाली वार्ता का एक अहम हिस्सा होगा। मोदी और जानसन ने पिछले वर्ष अपनी वर्चुअल बैठक में वर्ष 2030 के लिए भारत व ब्रिटेन के द्विपक्षीय रिश्तों के लिए कुछ अहम लक्ष्य तय किये थे, जिसकी समीक्षा शुक्रवार को होने वाली वार्ता का एक अहम हिस्सा रहेगा।


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