गुजरात
जिग्नेश मेवानी को सेशन कोर्ट से बड़ा झटका, बाहर जाने पर लगी रोक, जानें क्यों?
jantaserishta.com
3 Jun 2022 3:49 PM GMT
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सूरत: दलित नेता जिग्नेश मेवानी को सेशन कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने उनके गुजरात से बाहर जाने पर रोक लगा दी है. कहा गया है कि बिना परमीशन के जिग्नेश गुजरात नहीं छोड़ेंगे. 2017 के एक मामले में दलित नेता के खिलाफ कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है. पांच साल पहले जिग्नेश ने बिना इजाजत के मार्च निकाला था. उसी मामले में तब उनके खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई थी.
जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले में पिछले महीने मजिस्ट्रियल कोर्ट ने जिग्नेश मेवानी को तीन महीने की सजा सुनाई थी. लेकिन उस सजा से बचने के लिए उन्होंने तुरंत सेशन कोर्ट का रुख किया जहां पर उन्हें गिरफ्तारी से तो राहत मिल गई है, लेकिन वे गुजरात छोड़ नहीं जा पाएंगे. कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी स्पष्ट कर दिया है कि मेवानी और दूसरे आरोपी अपने पासपोर्ट जमा करवाएंगे जिससे वे कही भी बाहर ट्रैवल ना कर सकें.
जिस केस में कोर्ट ने उनके खिलाफ ये फैसला सुनाया है, वो पांच साल पुराना है. दरअसल जब ऊना कांड के एक साल पूरे हुए थे, उस समय मेवानी ने अपने साथियों के साथ मिलकर 'आजादी कूच' की शुरुआत की थी. उस अभियान के जरिए उन जमीन को मुक्त करवाने की तैयारी थी जिन पर असामाजिक तत्वों ने बलपूर्वक कब्जा कर लिया था. उनकी वो यात्रा मेहसाना से बनासकाठा तक जानी थी. लेकिन क्योंकि जिग्नेश मेवानी ने वो रैली बिना पुलिस इजाजत के निकाली, ऐसे में उनके खिलाफ FIR दर्ज हुई.
अब कोर्ट के इस फैसले पर जिग्नेश मेवानी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उनकी नजरों में गुजरात की वर्तमान सरकार उन्हें परेशान करने का एक मौका नहीं छोड़ रही है. वे कहते हैं कि कोर्ट के फैसले का मैं सम्मान करता हूं. लेकिन ये सरकार मुझे परेशान करने का एक भी मौका नहीं छोड़ रही है. मैं एक ऐसा नेता हूं जिसे पूरा देश पसंद करता है. अब मेरी छवि क्योंकि पूरे देश में मजबूत हो रही है, ऐसे में बीजेपी डर गई है. लेकिन मुझे इस बात की खुशी है कि मेरी आजादी कूच यात्रा की वजह से कई गरीबों की जमीन अवैध कब्जे से मुक्त हो पाई है.
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