
x
गांधीनगर,(आईएएनएस)| सतही जल की कमी, रेगिस्तान और तेजी से बढ़ते औद्योगीकरण के साथ तटीय राज्य होने के नाते, गुजरात जलवायु परिवर्तन का खामियाजा भुगत रहा है। आने वाले वर्षो में इसके लिए प्रमुख जोखिम तापमान, अत्यधिक वर्षा और समुद्र के स्तर में वृद्धि हैं। जलवायु परिवर्तन विभाग के सूत्रों ने कहा कि इन सभी मुद्दों को हल करने के लिए राज्य सरकार बहुस्तरीय योजनाओं पर काम कर रही है, जो राज्य में कार्बन फुटप्रिंट को कम करेगी, पानी का संरक्षण करेगी, सामाजिक वानिकी और नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि करेगी।
विभाग के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि गुजरात जलवायु परिवर्तन विभाग वाला पहला राज्य होगा और शमन पर काम करना शुरू करेगा।
जलवायु परिवर्तन का प्रमुख प्रभाव वर्षा भिन्नता में होने की आशंका है, जिससे उत्पादकता को खतरा होने की संभावना है, क्योंकि 54 प्रतिशत खेती की भूमि बारिश पर निर्भर है और कुल भूमि क्षेत्र का 60 प्रतिशत से अधिक सूखा प्रवण क्षेत्रों में पड़ता है। सिंचाई के लिए भूजल की उपलब्धता और गुणवत्ता में लगातार गिरावट आ रही है।
इसके पास देश का सबसे लंबा समुद्री तट 1600 किलोमीटर है, जिसमें लगभग 40 तालुका शामिल हैं, जो समुद्र के स्तर में वृद्धि, लवणता के प्रवेश और चक्रवाती घटनाओं के प्रभाव के संपर्क में आने का खतरा है। इससे तटीय क्षेत्र से लोगों के पलायन की आशंका पैदा होती है।
राज्य का शहरी क्षेत्र 35 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है जो हरित क्षेत्र या वन क्षेत्र को कम करने जैसी चुनौतियां भी पैदा कर रहा है, जिससे जलवायु परिवर्तन के प्रभाव में वृद्धि होगी। पिछले एक दशक में राज्य के प्रमुख शहरों में 4-5 बार बाढ़ आई है। सूरत ने पिछले 100 वर्षों में 23 बार बाढ़ का अनुभव किया है।
जल संसाधन के मुद्दे को हल करने के लिए, सरकार बाढ़ सिंचाई से ड्रिप या स्प्रिंकलर सिंचाई की ओर बढ़ने, फसल के पैटर्न को बदलने और जल संरक्षण के लिए ग्राम जल समितियों को बढ़ावा देने की योजना बना रही है। राज्य भूजल रिचार्जिग के लिए प्रोत्साहन योजनाएं शुरू करने की भी योजना बना रहा है। लवणता को नियंत्रित करने के लिए सरकार की योजना विलवणीकरण संयंत्रों और अपशिष्ट जल उपचार की संख्या बढ़ाने की है।
एक और डर यह है कि जलवायु परिवर्तन वेक्टर जनित बीमारियों को बढ़ा सकता है और सार्वजनिक स्वास्थ्य के मुद्दों को पैदा कर सकता है, क्योंकि बढ़त पारा राज्य में गर्मी पैदा करेगा।
राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री और उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी योजना शुरू की है और परिवहन निगम 1500 इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की योजना बना रहा है।
Next Story