गुजरात

गुजरात सरकार किसानों को जमीनों का संपूर्ण स्वामित्व अधिकार दिलाएगी

Gulabi Jagat
31 July 2023 12:36 PM GMT
गुजरात सरकार किसानों को जमीनों का संपूर्ण स्वामित्व अधिकार दिलाएगी
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गांधीनगर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने राज्य में इनाम उन्मूलन अधिनियम के अंतर्गत आने वाली जमीनों के कब्जा अधिकार (पजेशन राइट) को नियमित करने को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय किया है।
मुख्यमंत्री के इस निर्णय के अनुसार राज्य सरकार ऐसे भूमि धारकों के कब्जा अधिकार को वर्तमान जंत्री की 20 प्रतिशत कीमत वसूल कर नियमबद्ध करेगी। वहीं अब तक जिला कलेक्टर को जिला स्तर पर ढाई एकड़ तक भूमि के पजेशन को ही नियमित करने का अधिकार था। मुख्यमंत्री पटेल ने सत्ता के विकेन्द्रीकरण के एक हिस्से के रूप में अब ढाई एकड़ भूमि की सीमा को समाप्त कर संपूर्ण अधिकार जिला कलेक्टर को सौंपने का निश्चय किया है।
मुख्यमंत्री को इस संदर्भ में प्राप्त हुए आवेदनों में कहा गया था कि स्वतंत्रता के बाद भूमि सुधार कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में जमीन की जुताई करने वाले को जमीन के अधिकार देने तथा बिचौलियों के उन्मूलन के उद्देश्य से विभिन्न इनाम उन्मूलन अधिनियमों के जरिये चाकरी, नौकरी, सलामी देने जैसे विभिन्न इनाम हटा दिए गए और ऐसी जमीनों को जोतने वालों को उनकी जमीनों के प्रति स्वतंत्र स्वामित्व अधिकार दिया गया है।
इन स्वामित्व अधिकारों को प्राप्त करने के लिए निश्चित समय सीमा में पजेशन राइट की राशि का भुगतान अनिवार्य था, परंतु किसान इस अधिनियम की अज्ञानता के कारण यह राशि समय सीमा में भुगतान नहीं कर सके। इस कारण उन्हें इन जमीनों का संपूर्ण स्वामित्व अधिकार नहीं मिला और वे कनिष्ठ (अधोपंक्ति) कब्जेदार के रूप में बन कर रह गए हैं।
इतना ही नहीं, ऐसे कनिष्ठ कब्जेदारों द्वारा जमीनों की लगातार बिक्री भी गई है। ऐसे भूमि धारकों के कब्जे नियमित नहीं हुए होने के कारण वे सरकार की किसान कल्याण योजनाओं के लाभों से वंचित रह जाते थे और ऐसी जमीनों के ट्रांसफर तथा उद्देश्य परिवर्तन के समय टाइटल क्लियरेंस की समस्याएं बड़े पैमाने पर पैदा होती थीं।
मुख्यमंत्री समक्ष प्रस्तुत की गई इन समस्याओं के आधार पर यह भी ध्यान में आया कि वर्तमान भूमि धारकों के सामने ऐसी जमीनों के विकास कार्य करने में भी बाधाएं पैदा हो रही थीं। मुख्यमंत्री ने राज्य में सुशासन को अधिक गति देते हुए पारदर्शी एवं सरल प्रशासनिक प्रक्रियाओं के साथ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत ऐसे भूमि धारकों के कब्जे नियमबद्ध कर देने के जो दिशा-निर्देश दिए, उसके चलते ऐसे पजेशन अब नियमबद्ध हो सकेंगे।
पूर्व में जिला कलेक्टर को जिला स्तर पर ढाई एकड़ तक भूमि के पजेशन को ही नियमित करने का अधिकार था। मुख्यमंत्री पटेल ने सत्ता के विकेन्द्रीकरण के एक हिस्से के रूप में अब ढाई एकड़ भूमि की सीमा को समाप्त कर संपूर्ण अधिकार जिला कलेक्टर को सौंपने का निश्चय किया है।
इस प्रकार, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने ऐसी जमीनों के स्वमित्वार्पण, कृष्येतर (एनए) अनुमति, विकास कार्य के समक्ष उपस्थित होने वाली टाइटल क्लियरेंस की समस्याओं का निवारण लाने की दिशा में और किसानों के विशाल हित में इस प्रकार की समस्याओं को जिला स्तर पर ही हल करने के उद्देश्य से यह किसानोन्मुखी निर्णय किया है।
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