गुजरात

गुजरात सरकार चुनाव से पहले आदिवासियों पर हुई मेहरबान, सस्ती दरों पर दे रही बीज और खाद

Renuka Sahu
25 May 2022 3:26 AM GMT
Gujarat government was kind to the tribals before the elections, giving seeds and fertilizers at cheap rates
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फाइल फोटो 

गुजरात सरकार ने ‘कृषि विविधीकरण योजना’ के तहत साल 2022-23 में राज्य के 1.23 लाख आदिवासी किसानों को ज्यादा रियायती दरों पर बीज और उर्वरक उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गुजरात सरकार ने 'कृषि विविधीकरण योजना' के तहत साल 2022-23 में राज्य के 1.23 लाख आदिवासी किसानों को ज्यादा रियायती दरों पर बीज और उर्वरक उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है. यह योजना पिछले एक दशक से लागू है. इसका उद्देश्य आदिवासी परिवारों की आय को दोगुना करना है. पिछले 7 वर्षों में इस योजना के अंतर्गत लक्षित आदिवासी लाभार्थियों की सबसे अधिक संख्या है. बीते मंगलवार से सरकार ने खाद और बीज का किट बांटना शुरू किया है. अधिकारियों का कहना है कि एक किट की अनुमानित लागत 3,240 रुपये है, लेकिन योजना के तहत लाभार्थियों से सिर्फ 250 रुपये लिए जाते हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस मौके पर 14 जिलों के अधिकारियों और लाभार्थियों के साथ वर्चुअल माध्यम से बात की. भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान इस योजना की शुरुआत की थी. उन्होंने बताया कि साल 2012-13 में 2.1 लाख से अधिक लाभार्थियों के साथ इसे लागू किया गया था. मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि पिछले साल से इस योजना के तहत जैविक खाद भी उपलब्ध कराई जा रही है.
अब ऑनलाइन किए जा सकते हैं आवेदन
गुजरात सरकार ने इस योजना के तहत आवेदन स्वीकार करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया है. पिछले साल तक मैनुअल तौर पर आवेदन दिया जाता था. सीएम ने कहा कि इस साल 1.23 लाख आदिवासी किसानों को योजना का लाभ देने का लक्ष्य रखा गया है.
किसानों को जैविक खाद का भी तोहफा
आदिवासी विकास विभाग के सचिव डॉ. एस मुरली कृष्णा ने जानकारी देते हुए कहा कि सोमवार शाम तक 7,600 आवेदनों को मंजूरी दी गई और उनके लिए किट वितरण का काम मंगलवार से शुरू हुआ. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के डांग जिले को 100 फीसदी 'प्राकृतिक खेती' करने वाला जिला घोषित किया गया है. लिहाजा, इस जिले के लाभार्थियों को केवल जैविक उर्वरक ही वितरित किए जाएंगे.
क्या-क्या मिलता है किट में
गौरतलब है कि पिछले साल से 'कृषि विविधीकरण योजना' के तहत एक आदिवासी लाभार्थी को सब्जियों या मक्का के बीज के साथ डीएपी (डायमोनियम फॉस्फेट) का एक बैग और जैविक उर्वरकों का एक बैग दिया जा रहा है. योजना के तहत पूर्व में मक्का, बैगन, टमाटर भिंडी, करेला और लौकी के बीज दिए गए.
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