गुजरात

गुजरात सरकार ने 5 महीने में चौथी बार बिजली के बिल में किया इजाफा, जानें क्या है इसका कारण

Renuka Sahu
13 May 2022 4:54 AM GMT
Gujarat government increased electricity bill for the fourth time in 5 months, know what is the reason
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फाइल फोटो 

गुजरात सरकार ने प्रति यूनिट बिजली पर फ्यूल सरचार्ज में 20 पैसे की बढ़ोतरी की है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। गुजरात सरकार ने प्रति यूनिट बिजली पर फ्यूल सरचार्ज में 20 पैसे की बढ़ोतरी की है. इस वृद्धि के बाद प्रति यूनिट बिजली बिल पर कुल सरचार्ज बढ़कर 2.50 रुपये हो गया है. हालांकि, कृषि क्षेत्र के उपभोक्ताओं को इस मूल्य वृद्धि से बाहर रखा गया है.

इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के अनुसार, गुजरात विद्युत निगम लिमिटेड ने कहा है कि नया फ्यूल सरचार्ज 1 मई 2022 से प्रभावी माना जाएगा और इसकी रिकवरी मई-जून 2022 के मध्य की जाएगी. गौरतलब है कि गुजरात इलेक्ट्रिसिटी रेग्युलेटरी कमीशन की अनुमति के बाद सरचार्ज बढ़ाया गया है.
5 महीने में चौथी बार बढ़ा सरचार्ज
नए फ्यूल सरचार्ज के कारण जो उपभोक्ता मई-जून 2021 में 1.8 रुपये के फ्यूल सरचार्ज दे रहे थे उन्हें अब इसके 2.5 रुपये देने होंगे जो उनके बिजली बिल में प्रति यूनिट 70 पैसे की वृद्धि है. सरकार पिछले 5 महीने में 4 बार फ्यूल सरचार्ज में वृद्धि कर चुकी है. वहीं, पिछले 2 महीने में यह 30 पैसे बढ़ा है. इन मामलों के एक जानकार के.के. बजाज ने कहा है कि इससे बिजली उपभोक्ताओं पर 270 करोड़ प्रति माह और 3,240 करोड़ रुपये प्रति वर्ष का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. बजाज का कहना है कि सरकार दावा करती है कि उसने पिछले 6 साल में बिजली बिल में वृद्धि नहीं है कि लेकिन वह फ्यूल सरचार्ज के जरिए ऐसा कर रहा है.
इन स्थानों पर नहीं बढ़ेगा सरचार्ज
यह आदेश पूरे गुजरात पर लागू होगा लेकिन अहमदाबाद, गांधीनगर, सूरत और धौलेरा एसआईआर में सरचार्ज नहीं बढ़ेंगे. दरअसल, यहां टौरेंट पावर बिजली आपू्र्ति करती है और इन जगहों पर पिछले साल से सरचार्ज 2.07 रुपये प्रति यूनिट से लेकर 2.31 रुपये प्रति यूनिट तक हैं.
महंगे दाम पर बिजली खरीद रही सरकार
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, गुजरात के पास 37,000 मेगावॉट की बिजली उत्पादन क्षमता है लेकिन करीब 20000 मेगावॉट की पीक डिमांड का सामना करने के बाद सरकार ने महंगे दाम पर बिजली खरीदना शुरू कर दिया है. गुजरात विद्युत निगम लिमिटेड के अधिकारियों का कहना है कि सरकार पावर कट नहीं लगाना चाहती है इसलिए उसे बाहर से बिजली खरीदनी पड़ रही है. सरकार यह बिजली करीब 20 रुपये प्रति यूनिट के मूल्य पर खरीद रही है. वहीं, महंगे कोयले और प्राकृतिक गैस ने भी इस मूल्य वृद्धि की आग में तेल डालने का काम किया है.
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