अहमदाबाद, गुजरात के सूरत में कालेज छात्रा ग्रीष्मा वेकरिया (21) की चाकू से गला रेतकर हत्या करने के मामले में सूरत की अदालत ने एकतरफा प्रेम में पागल फेनिल गोयाणी (20) को फांसी की सजा दी है। जिला सत्र न्यायाधीश ने फैसला सुनाने से पहले संस्कृत का श्लोक पढ़कर बताया कि सजा बदला लेने के लिए नहीं बल्कि समाज में न्याय की व्यवस्था का उदाहरण पेश करने के लिए दी है। सूरत पुलिस ने रिकार्ड नौ दिन में इस केस की जांच पूरी कर ली थी, नौ हजार 500 पेज का आरोप पत्र पेश किया गया तथा करीब 190 गवाहों के बयान कलमबद्ध किए गए, इनमें 27 चश्मदीद गवाह शामिल हैं। सरकारी वकील नयन सुखडवाला ने फेनिल की आपराधिक मानसिकता को उजागर करते हुए बताया कि उसने ग्रीष्मा की हत्या के लिए एक सोची समझी योजना बनाई। इससे पहले उसने इंटरनेट के जरिए एके-47 बंदूक पाने का प्रयास किया था। इससे उसकी अपराध को अंजाम देने की मानसिकता उजागर होती है। सरकारी वकील ने फेनिल को फांसी की सजा देने की मांग की थी। जबकि बचाव पक्ष के वकील जमीर शेख ने दोषी की कम उम्र का हवाला देते हुए उसे एक बार सुधरने का मौका देने की मांग की। जिला सत्र न्यायाधीश विमल व्यास ने दोषी के प्रति सख्त रुख अपनाते हुए उसे फांसी की सजा सुनाई तथा पांच हजार रुपये का अर्थ दंड लगाया। अदालत ने इस केस को दुर्लभतम से दुर्लभ मानते हुए अपना फैसला दिया।