Gujarat: आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा को मिला पद्मश्री सम्मान
गुजरात: केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 के पद्म पुरस्कारों से सम्मानित होने वालों में राम मंदिर के वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा को भी शामिल किया है। सोमपुरा के दादा को भी पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। आपको बता दें कि सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर शनिवार को 139 हस्तियों को पद्म पुरस्कार देने की घोषणा की। घोषित नागरिक पुरस्कारों में सात पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गुजरात के अहमदाबाद निवासी चंद्रकांत सोमपुरा को विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल ने राम मंदिर का नक्शा बनाने की जिम्मेदारी सौंपी थी।
देश में मंदिरों के निर्माण में योगदान
हालांकि, लंबे समय से चल रहे राम मंदिर आंदोलन के कारण सोमपुरा ने यह उम्मीद छोड़ दी थी कि उनके जीवनकाल में मंदिर का निर्माण हो सकेगा। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मंदिर का निर्माण शुरू हुआ और पिछले साल पीएम मोदी ने राम मंदिर में रामलला को स्थापित किया। आपको बता दें कि चंद्रकांत के परिवार की तीसरी और चौथी पीढ़ी देश में मंदिरों के निर्माण में योगदान दे रही है।
आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा कौन हैं?
देश के प्रसिद्ध मंदिर वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा ने अक्षरधाम मंदिर का नक्शा भी बनाया है। उन्होंने बताया कि राम मंदिर का मॉडल अयोध्या के कार्यसेवकपुरम में रखा गया है। राम मंदिर भी इसी मॉडल पर बनाया गया है।
नागर शैली के मंदिरों के डिजाइन में विशेषज्ञता
अहमदाबाद के चंद्रकांत के परिवार को भारतीय नागर शैली के मंदिरों के डिजाइन में विशेषज्ञता प्राप्त है। चंद्रकांत के दादा गुजरात के सोमनाथ मंदिर के मूर्तिकार थे। उनके पिता भी देश के जाने-माने वास्तुकार थे। उन्होंने उत्तराखंड में बद्रीनाथ मंदिर की मरम्मत कराई। अब चंद्रकांत के परिवार की तीसरी और चौथी पीढ़ी भी देश में मंदिरों के निर्माण में योगदान दे रही है।
131 मंदिरों के नक्शे बनाए गए
चंद्रकांत सोमपुरा ने अपने बेटे आशीष के साथ मिलकर अब तक देश के 131 मंदिरों के नक्शे तैयार किए हैं। इसमें गांधीनगर स्थित स्वामी नारायण मंदिर और पालनपुर स्थित अंबाजी मंदिर भी शामिल हैं। पिछले साल जनवरी में उन्होंने कहा था कि हमारे परिवार ने मथुरा, पालनपुर आदि अन्य मंदिरों के अलावा सोमनाथ मंदिर का भी डिजाइन तैयार किया है।
गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ नाम: चंद्रकांत सोमपुरा को 1997 में सर्वश्रेष्ठ वास्तुकार घोषित किया गया। लंदन में उनके द्वारा निर्मित अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण मंदिर को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया है। हालाँकि, चंद्रकांत ने वास्तुकला में कोई पेशेवर प्रशिक्षण प्राप्त नहीं किया था। 12वीं कक्षा के बाद उनके पिता ने उनकी पढ़ाई बंद करा दी। चंद्रकांत ने बताया कि उन्होंने मंदिर निर्माण की कला अपने दादा प्रभाशंकर सोमपुरा से सीखी थी।