गुजरात

स्टूडेंट्स के लिए सरकार खोलेगी पीएम श्री स्कूल, छात्र बनेंगे फ्यूचर रेडी, शिक्षा मंत्री ने बताया, इनमें क्या होगी खूबियां

Renuka Sahu
3 Jun 2022 5:33 AM GMT
Government will open PM Shri School for students, students will become future ready, Education Minister told, what will be the merits of them
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फाइल फोटो 

देश के स्टूडेंट्स को भविष्य के लिए तैयार करने के मकसद से सरकार एक नई तरह के मॉडल स्कूल स्थापित करने पर विचार कर रही है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश के स्टूडेंट्स को भविष्य के लिए तैयार करने के मकसद से सरकार एक नई तरह के मॉडल स्कूल स्थापित करने पर विचार कर रही है. इनका नाम पीएम श्री स्कूल होगा. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को गुजरात में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 पर एक सम्मेलन के दौरान ये जानकारी दी. उन्होंने कहा कि ये स्कूल अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे और एनईपी 2020 के लिए एक तरह से प्रयोगशाला होंगे.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूली शिक्षा वह नींव है, जिस पर देश ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बन सकेगा. हम अपनी नई पीढ़ी को 21वीं सदी के ज्ञान और कौशल से वंचित नहीं कर सकते. भारत को एक ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के लिए अगले 25 साल महत्वपूर्ण हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए हम पीएम श्री स्कूल स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है. इसका उद्देश्य छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करना होगा. ये अपने इस मकसद को पूरा करने के लिए हर तरह की सुविधाओं से संपन्न होंगे. उन्होंने पीएम श्री स्कूलों के रूप में एक फ्यूचरिस्टिक बेंचमार्क मॉडल बनाने के लिए सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और पूरे एजुकेशनल इकोसिस्टम से सुझाव और फीडबैक देने के लिए भी कहा.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सम्मेलन में कहा कि सभी भारतीय भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं हैं. कोई भी भाषा हिंदी या अंग्रेजी से कम नहीं है. राष्ट्रीय एजुकेशन पॉलिसी का यही सबसे प्रमुख फीचर है. इस दौरान शिक्षा मंत्री ने नई शिक्षा नीति के तहत प्री-स्कूल से सेकेंडरी स्कूल तक 5+3+3+4 अप्रोच अपनाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि 21वी सदी के ग्लोबल सिटिजन तैयार करने के लिए टीचर्स ट्रेनिंग, एडल्ट एजुकेशन, स्कूली पढ़ाई में स्किल डेवलपमेंट को शामिल करने और मातृभाषा में पढ़ाई को तवज्जो देने की खासी भूमिका रहने वाली है.
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप इस सम्मेलन में सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने अपने अनुभव और ज्ञान को साझा किया है, जिससे शिक्षा के मौहाल में परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी. यह देश में शिक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाने में मील का पत्थर साबित होगा. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल पर ध्यान देने की अपील करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि हम सभी को मिलकर काम करना है, एक-दूसरे के अनुभवों और सफलताओं से सीखना है ताकि सीखने की प्रक्रिया को ज्यादा जीवंत बनाकर भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाया जा सके.
इस सम्मेलन में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के अलावा केंद्रीय शिक्षा व कौशल विकास राज्य मंत्री, कई राज्यों के शिक्षा मंत्री, शिक्षा मंत्रालय और राज्य सरकारों के अधिकारी मौजूद थे. नया राष्ट्रीय करिकुलम फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए बनी संचालन समिति के अध्यक्ष के. कस्तूरीरंगन भी इस बैठक में मौजूद थे.
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