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वडोदरा के सहायक पुलिस आयुक्त अल्पेश राजगोर ने बताया कि बीती 22 नवंबर को अचानक बिलाल की तबीयत बिगड़ी
गुजरात के गोधरा शहर में 2002 में ट्रेन की बोगी में आग लगाने के मामले में दोषी हाजी बिलाल की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. शनिवार को जानकारी देते हुए एक अफसर ने बताया कि दोषी इस्माइल अब्दुल मजीद उर्फ हाजी बिलाल (61) वडोदरा के केंद्रीय कारागार में उम्र कैद की सजा काट रहा था.
वडोदरा के सहायक पुलिस आयुक्त अल्पेश राजगोर ने बताया कि बीती 22 नवंबर को अचानक बिलाल की तबीयत बिगड़ी. उसे वडोदरा के सयाजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. सांस में तकलीफ होने के कारण उसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया. शुक्रवार की रात इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. सूचना पर पहुंची पुलिस ने आवश्यक कानूनी कार्रवाई की और पोस्टमार्टम के बाद हाजी बिलाल का शव उसके परिजनों को सौंप दिया. उसके शव को गोधरा ले जाया गया, यहां उसे दफनाया गया.
19 साल पहले ट्रेन गोधरा में ट्रेन आगजनी कांड के दोषी की इलाज के दौरान मौत, उम्र कैद की काट रहा था सजाकी बोगी में लगाई थी आग, 59 यात्रियों की ली थी जान
बता दें, 27 फरवरी, 2002 को अयोध्या से गुजरात लौट रहे कारसेवकों से भरी साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एस-6 डिब्बे में आग लगा दी गई थी. इस आग की चपेट में आने से बोगी में सवार 59 यात्रियों की मौत हो गई थी. इसके बाद गुजरात में बड़े पैमाने पर दंगे फैल गए थे. गोधरा कांड की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम का गठन किया गया था.
2011 में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) की स्पेशल कोर्ट ने हाजी बिलाल सईद समेत 11 दोषियों को फांसी और 20 अन्य को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी. लेकिन अक्टूबर 2017 में गुजरात हाई कोर्ट ने हाजी की मौत की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया था. वह तब से ही वडोदरा के मध्यस्थ जेल में सजा काट रहा था.
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