गुजरात

कस्टम के सुपुर्द हो चुकी गेहूं की खेप को निर्यात की अनुमति, 4000 ट्रक गुजरात में फंसे

Renuka Sahu
18 May 2022 1:13 AM GMT
Export of customs-delivered wheat consignment allowed, 4000 trucks stranded in Gujarat
x

फाइल फोटो 

सरकार ने भारत में कीमतों पर नियंत्रण रखने और खाद्य सुरक्षा की स्थिति को बरकरार रखने के साथ-साथ गंभीर खाद्य संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश और कुछ अन्य देशों की मदद के लिए पहले गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सरकार ने भारत में कीमतों पर नियंत्रण रखने और खाद्य सुरक्षा की स्थिति को बरकरार रखने के साथ-साथ गंभीर खाद्य संकट से जूझ रहे पड़ोसी देश और कुछ अन्य देशों की मदद के लिए पहले गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी थी। लेकिन अब नियम को शिथिल करते हुए ऐसे कनसाइनमेंट के निर्यात पर छूट देने की घोषणा की है, जो 13 मई या उससे पहले सीमा शुल्क विभाग के पास परीक्षण के लिए उनके सिस्टम में दर्ज हो चुके थे। सरकार ने यह छूट इसलिए भी दी है क्योंकि निर्यात पर प्रतिबंध की घोषणा से पूर्व ही गेहूं लदे हजारों ट्रक देश के कुछ बंदरगाहों पर कतार में खड़े हैं।

वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि कस्टम के सुपुर्द हो चुकी गेहूं की खेप को निर्यात की अनुमति होगी। वहीं, सरकार ने मिश्र जा रहे गेहूं के उस कनसाइनमेंट को भी अनुमति दे दी है, जिसका कांडला बंदरगाह पर लदान चल रहा है। दरअसल मिश्र सरकार के अनुरोध पर भारत ने इसकी अनुमति दी है। मिश्र को गेहूं की खेप भेजने वाली कंपनी मीरा इंटरनेशनल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 61,500 मीट्रिक टन गेहूं के लदान का अनुरोध किया था, जिसमें से 44,340 मीट्रिक टन का लदान हो चुका है। सरकार ने पूरे कनसाइनमेंट को मिश्र भेजने की अनुमति दी है।
प्रतिबंध से पूर्व की मांग वाले गेहूं निर्यात पर छूट
सरकार ने नियम में ढील देते हुए गेहूं की उस खेप को निर्यात से छूट देने की घोषणा की है, जो प्रतिबंध से पहले सीमा शुल्क विभाग में दर्ज हो चुकी थी। उल्लेखनीय है कि महंगाई को काबू करने के लिए सरकार के विदेश व्यापार महानिदेशालय ने 13 मई को अधिसूचना जारी कर तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।
गुजरात के बंदरगाह पर फंसे गेहूं से लदे 4000 ट्रक
केंद्र सरकार के गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के बाद अनाज से लदे 4000 ट्रक कांडला के दीनदयाल पोर्ट के बाहर विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) कार्यालय से जहाजों पर लादने की अनुमति के इंतजार में खड़े हैं। पिछले सप्ताहांत शनिवार, रविवार और सोमवार को डीजीएफटी कार्यालय में छुट्टी थी। 13 मई को निर्यात प्रतिबंध का आदेश जारी हो गया। अब बंदरगाह पर खड़े चार जहाजों को गेहूं लादने के लिए अतिरिक्त इजाजत की जरूरत है।
कच्छ जिले के इस बंदरगाह से गेहूं मुख्यतया अफ्रीकी देशों, बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया और यमन जाता है। गांधीधाम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष तेजा कांगड़ ने कहा, केंद्र सरकार के अचानक प्रतिबंध घोषित करने के कारण मध्य प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों से गेहूं लादकर आए करीब 4000 ट्रक 3-4 दिन से बंदरगाह के बाहर खड़े हैं। इन ट्रकों के 7-8 हजार ड्राइवरों और क्लीनरों के लिए भोजन आदि का इंतजाम स्थानीय उद्यमी कर रहे हैं। इन ट्रकों में 20-25 लाख टन गेहूं लदा है।
बंदरगाह पर खड़े चार में से एक जहाज 'माना' को मंगलवार को बाकी 17,160 टन गेहूं लादकर मिस्र रवाना होने की इजाजत दे दी गई। बंदरगाह प्रशासन के प्रवक्ता ओमप्रकाश डडलानी का कहना है, बाकी तीन जहाजों को भी अनाज लादकर जल्द ही जाने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए काम चल रहा है और समय पर पूरा कर लिया जाएगा। इन तीन जहाजों को 15 मई को रवाना होना था, लेकिन प्रतिबंध के कारण देरी हो गई। डीजीएफटी के क्लीरेंस देने के बाद स्थिति सामान्य होने लगेगी।

Next Story