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गुजरात किसान समाज द्वारा किसानों के मुद्दों को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ कई आंदोलन और ज्ञापन दिए जा रहे थे, जिसका कार्यालय पुरूषोत्तम फार्म्स और कॉटन जिनिंग मिल, जहांगीरपुरा में कार्यरत था। कार्यालय भवन जर्जर होने की बात कहकर किसान नेताओं को कार्यालय से बाहर निकालकर हिरासत में लेने के बाद किसान समाज के कार्यालय पर बुलडोजर चला दिया गया।
जहांगीरपुरा में पुरूषोत्तम फार्म्स और कॉटन जिनिंग मिल के परिसर में लंबे समय से गुजरात किसान समाज का कार्यालय था, लेकिन अचानक उसे ध्वस्त कर दिया जिससे किसानों में भारी आक्रोष है। किसान समाज के नेताओं ने गुरूवार को पुलिस आयुक्त को एक आवेदन सौंपकर अनुरोध किया कि जिनिंग मिल के अधिकारियों, जहांगीरपुरा पुलिस स्टेशन और रांदेर पुलिस स्टेशन के पीआई और लगभग 30 से 40 अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की जाए।
आज पुलिस कमिश्नर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन करने आए किसानों में किसान समाज के नेता दर्शन नायक ने कहा कि 2017 में पुरूषोत्तम फार्म्स कंपनी.ओ. जिनिंग एंड प्रेसिंग सोसायटी लिमिटेड से किसान समाज कार्यालय 51 साल की लिज पर लिया गया था। राजनैतिक द्वेष की भावना से पुरूषोत्तम जिनिंग के पदाधिकारियों ने पुलिस के साथ मिलकर किसान समाज कार्यालय जर्जर होने के नाम पर किसानों को हिरासत में लेकर कार्यालय की का अवैध रूप से डिमोलिशन किया गया। इसलिए हमने किसान समाज के नेताओं के साथ पुलिस कमिश्नर से शिकायत की है। अगर हमें न्याय नहीं मिला तो हम हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
गुजरात किसान समाज के अध्यक्ष जयेश पटेल ने कहा कि हमारे दो दावे कोर्ट में लंबित हैं, फिर भी किसान समाज के कार्यालय को ध्वस्त कर दिया गया है। पुलिस अधिकारियों ने हमें न केवल हिरासत में लेने और कार्यालय को मात्र सीलिंग की प्रक्रिया करने के लिए ही कहा था और उसके बाद अधिकारियों ने तत्काल बुलडोजर मंगवाकर कार्यालय में तोड़फोड़ की। हम एसीपी और पीआई स्तर के अधिकारियों के खिलाफ पक्ष रखने आये हैं। हम कमिश्नर को सुझाव दे रहे हैं कि पुरूषोत्तम फार्म्स और कॉटन जिनिंग मिल के पदाधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की जाए। अगर कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई तो हम इस मामले को लेकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और अब जो तोड़फोड़ की गई है, उसके बारे में हम सभी तस्वीरों और सबूतों के साथ हाई कोर्ट में याचिका भी दायर करेंगे।
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