गुजरात

केंद्र ने दी मंजूरी, अब राज्य तय करेंगे कि नियम कब लागू करना

SANTOSI TANDI
10 Aug 2023 7:24 AM GMT
केंद्र ने दी मंजूरी, अब राज्य तय करेंगे कि नियम कब लागू करना
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नियम कब लागू करना
डायमंड और ज्वेलरी क्षेत्र में हो रही दो नंबरी माल की हेराफेरी पर लगाम लगाने और इस क्षेत्र के हिसाबों पर छिपी निगरानी रखने को केंद्र सरकार ने ई-वेब बिल सिस्टम लागू किया है। हालांकि, राज्यों को फिलहाल यह छूट है कि योजना लागू करें या नहीं और कब से करनी है।
फिलहाल सभी वस्तुएं ई-वे बिल के दायरे में हैं, लेकिन हीरा-ज्वेलरी लॉबी में राजनीतिक मजबूती से इस क्षेत्र में यह सिस्टम लागू नहीं है। ई-वे बिल लागू होने पर सड़कों पर वाहनों की चेकिंग होगी और ई-वे बिल न होने पर वाहन जब्त किए जाएंगे।
ई-वे बिल से व्यापारी आएंगे टैक्स के दायरे में
डायमंड-ज्वेलरी का स्थानीय व्यापार हो या विदेश में आयात-निर्यात, यह करोड़ों में है। अकेले हीरों का सालाना निर्यात दो लाख करोड़ रुपए का है। अगर ई-वे बिल लागू हुआ तो ज्वैलर्स हों या हीरा व्यापारी, हर कोई टैक्स के जाल में फंस जाएगा। अगर लिमिट में कोई बदलाव नहीं किया जाता तो 2 लाख रु. से ज्यादा का माल होने पर वाहन में माल के साथ ई-वे बिल भी रखना होगा।
अगर ई-वे बिल लागू हुआ तो ज्वैलर्स हों या हीरा व्यापारी, हर कोई टैक्स के जाल में फंस जाएगा।
अगर ई-वे बिल लागू हुआ तो ज्वैलर्स हों या हीरा व्यापारी, हर कोई टैक्स के जाल में फंस जाएगा।
इसके साथ लागू हुए कई नियम
केवल राज्यों में ही हेराफेरी के लिए ही ई-वे बिल जरूरी, राज्य के बाहर माल जाने पर नहीं सभी राज्यों को अलग से अधिसूचना जारी करनी होगी सेल्स, जॉब वर्क, गुड्स अप्रूवल, होल मार्किंग समेत अन्य कामों के लिए ई-वे बिल जरूरी कंसाइनमेंट वैल्यू में दोनों जीएसटी जोड़ना होगा।
ई-वे बिल में वाहन नंबर नहीं
जो नियम लागू किए गए हैं उनमें सुरक्षा की दृष्टि से अहम नियम गाड़ी के नंबर के लिए है। व्यापारियों को लूट या अन्य घटनाओं से बचने के लिए ई-वे बिल पर वाहन का नंबर नहीं लिखना होगा। ऐसे में यह वाहन कोई भी ट्रैक नहीं कर पाएगा। हालांकि, इसके अलावा, ई-वे बिल की जरूरत हर चरण में पड़ेगी।
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