गुजरात

कांग्रेस को बड़ा झटका, विधायक ने उठाया ये कदम

jantaserishta.com
3 May 2022 1:10 PM GMT
कांग्रेस को बड़ा झटका, विधायक ने उठाया ये कदम
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कहा कि कांग्रेस से तीन बार विधायक चुना गया. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरे दिल में थे.

अहमदाबाद: गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. मंगलवार को कांग्रेस विधायक अश्विन कोटवाल ने पार्टी छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए. इस दौरान कोटवाल ने कहा कि कांग्रेस से तीन बार विधायक चुना गया. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरे दिल में थे.

कोटवाल के बीजेपी में शामिल होने से कांग्रेस को बड़ा नुकसान माना जा रहा है. कोटवाल सीनियर आदिवासी नेता हैं. उन्होंने मंगलवार को कांग्रेस के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया और विधानसभा के स्पीकर को इस्तीफा सौंप दिया है. उसके बाद बीजेपी कार्यालय पहुंचे और आधिकारिक तौर पर बीजेपी जॉइन कर ली.
अश्विन कोटवाल की उत्तर गुजरात की राजनीति पर अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है. मंगलवार को जब अश्विन कोटवाल ने बीजेपी जॉइन की और उनसे पूछा गया कि उन्होंने कांग्रेस क्यों छोड़ दी, इस पर कोटवाल ने कहा कि मैं 2007 से खेडब्रह्मा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ता आया हूं. वैसे में मैंने उस वक्त नरेंद्रभाई मोदी को काम करते हुए देखा हैं. मैं भले ही कांग्रेस से तीन बार चुनाव लड़ा था, लेकिन मेरे दिल में नरेंद्र मोदी ही थे.
2017 के चुनाव में बीजेपी ने 99 सीटें जीती थीं. जबकि 77 सीटें जीतकर कांग्रेस दूसरी बड़ी पार्टी बनी थी. हालांकि, इन पांच साल में कांग्रेस अपने 77 में से 63 विधायकों पर आ गई है. कांग्रेस के 15 विधायक पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. इनमें से बीजेपी ने विजय रूपानी की सरकार में 3 विधायकों को मंत्री बनाया था. जबकि भूपेंद्र पटेल की सरकार में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए 3 विधायकों को मंत्री पद दिया गया है. अब बीजेपी के पास 111 विधायक हैं.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि गुजरात में अगर आदिवासी राजनीति के लिहाज से देखें तो अश्विन कोटवाल के बीजेपी में जॉइनिंग काफी अहम है. कोटवाल का असर साबरकांठा, महेसाना, अरवली जिले की आदिवासी सीटों पर देखने को मिलेगा. इसके अलावा भी आदिवासी वोट पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है. दरअसल, गुजरात में आदिवासी वोट बैंक का सीधा 27 सीटों पर असर है. राजनीतिक पंडित मानते हैं कि ये वोट बैंक बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस का पारंपरिक वोट बैंक रहा है.
इस बार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी ने भी आदिवासी वोट बैंक को साधने की रणनीति तैयार करना शुरू कर दिया है. AAP ने हाल ही में आदिवासी नेता छोटू भाई वसावा की पार्टी भारतीय ट्राइबल पार्टी से गठबंधन किया है.
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