गुजरात
रोबोटिक्स के क्षेत्र में विज्ञान की बड़ी उपलब्धि, पढ़ें पूरी खबर
Gulabi Jagat
14 Jun 2022 8:49 AM GMT
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विज्ञान की बड़ी उपलब्धि
टोक्यो यूनिवर्सिटी में बायोहाइब्रिड सिस्टम में माहिर शोजी टेकुची और उनके सहयोगियों ने जो उंगली बनाई है वह बिना टूटे मुड़ सकती है और घूम सकती है
आज के समय तकनीक ने हर क्षेत्र में अपना आधिपत्य जमा लिया है। तकनीक के सबसे बड़े अविष्कारों में से एक रोबोट है।आज से कुछ सालों पहले किसी ने कल्पना भी नहीं कि होगी कि एक मशीन हमारे जैसे दिखेगा और वो सारे काम करेगा जो हम करते है। वैज्ञानिकों के प्रयास से ये ना सिर्फ सच हुआ है बल्कि इसमें में नित नए शोध हो रहे है। ऐसे ही एक वैज्ञानिक शोजी टेकुची का सपना इंसान जैसे दिखने वाला रोबोट बनाना था। अपने इसी लक्ष्य की तरफ बढ़ते हुए, उन्होंने हाल ही में मानव कोशिकाओं से बनी जीवित त्वचा वाली एक रोबोटिक उंगली बनाई है।
This Robotic Finger Has Living Skin Made From Human Cells That Can Healhttps://t.co/IPiyxXJijN pic.twitter.com/A7iekrmHXc
— IFLScience (@IFLScience) June 9, 2022
आपको बता दें कि टोक्यो यूनिवर्सिटी में बायोहाइब्रिड सिस्टम में माहिर शोजी टेकुची और उनके सहयोगियों ने जो उंगली बनाई है वह बिना टूटे मुड़ सकती है और घूम सकती है। अगर इसे चोट लगती भी है, तो इसके घाव खुद भर जाते हैं और यह खुद ब खुद ठीक हो जाती है। इस बारे में वैज्ञानिकों का कहना है कि सिलिकॉन रबर से बने रोबोट भले ही दूर से देखने में तो असली जैसे लगे, लेकिन करीब से वे नकली दिखाई देते हैं। ऐसे में जरुरी था कि रोबोट की स्किन असली दिखे इसके लिए हमने उसे इंसानों की असली स्किन से बनाने की योजना बनाई। मैटर जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक, रोबोटिक उंगली को कोलेजन और मानव डर्मल फाइब्रोब्लास्ट वाले घोल में डुबोकर लिविंग स्किन बनाई गई। जैसे ही रोबोटिक उंगली के चारों तरफ कोलेजन और फाइब्रोब्लास्ट चिपकना शुरू हुए, दोनों कसने लगे। इसके साथ ही ये उंगली असली जैसी दिखने लगी। ये टेकुची हाइपर-रियलिस्टिक उंगली की सफलता मानते हैं।
आपको बता दें कि मानव त्वचा को वाटर प्रूफ बनाने का काम केराटिनोसाइट्स करते हैं। रोबोटिक उंगली को भी वाटर प्रूफ बनाने के लिए केराटिनोसाइट्स का इस्तेमाल किया गया है। असली अंग की ही तरह झुकने या मुड़ने की वजह से, या चिमटी से त्वचा को खींचने से उसे चोट लगती है, तो ये खुद ब खुद ठीक हो जाती है। हालांकि इस रोबोटिक फिंगर के त्वचा के अंदर इंसानी सिस्टम की तरह कोई सर्कुलेटरी सिस्टम नहीं है, इसलिए कल्चर मीडियम से निकाले जाने के बाद त्वचा लंबे समय तक नहीं टिक सकती।
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