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गुजरात अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड के नवीनतम प्रश्न पत्र लीक मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है
साबरकांठा के प्रांतिज पुलिस स्टेशन में 11 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी और गुजरात अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (GSSSB) के नवीनतम प्रश्न पत्र लीक मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।
गुजरात अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (GSSSB) के नवीनतम प्रश्न पत्र लीक मामले में आठ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं इस मामले में 11 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. परीक्षा से पहले प्रधान लिपिक परीक्षा के प्रश्न पत्र को अवैध रूप से प्राप्त करने के लिए, या तो किसी सरकारी अधिकारी या किसी अन्य स्रोत की मदद से और इसे 10-15 लाख रुपये में बेचने के लिए मामला दर्ज किया गया है.
ये हैं नामजद आरोपी
2018 के बाद से सरकारी प्रतियोगी परीक्षा का यह चौथा पेपर है जो लीक हुआ है. FIR में नामजद आरोपियों में जयेश पटेल, जशवंत पटेल, देवल पटेल, ध्रुव बरोट, महेश पटेल, चिंतन पटेल, कुलदीप पटेल, दर्शन व्यास, सतीश पटेल उर्फ हैप्पी, सुरेश पटेल और महेंद्र पटेल शामिल हैं. सभी आरोपी साबरकांठा के रहने वाले हैं.
प्रांतिज के पोगलू गांव निवासी महेंद्र पटेल अपने गांव के सरपंच पद के लिए चुनाव लड़ रहा है. परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों में ध्रुव बरोट, चिंतन पटेल और सुरेश पटेल शामिल हैं. स्थानीय क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर एमडी चंपावत ने प्रांतिज पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई थी. वहीं पुलिस अधीक्षक नीरज बडगुजर ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है.
16 उम्मीदवारों को दिया था प्रश्नपत्र
प्राथमिकी के अनुसार, जयेश पटेल ने भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र हासिल किया था. उसे प्रश्न पत्र कैसे मिला इसकी जानकारी नहीं हो सकी है. जयेश ने अन्य लोगों के साथ मिलकर प्रश्न पत्र को 10 से 15 लाख रुपए में बेचने की साजिश रची. एफआईआर में कहा गया है कि आरोपियों ने न केवल लगभग 16 उम्मीदवारों को प्रश्न पत्र प्रदान किया, बल्कि उत्तर जानने और अगले दिन अपने संबंधित परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए संसाधन भी उपलब्ध कराए.
परीक्षा रद्द करने पर लिया जाएगा फैसला
गिरफ्तारी और प्राथमिकी उस दिन दर्ज हुई जब राज्य सरकार ने स्वीकार किया कि प्रधान लिपिक की भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हो गया था. शुक्रवार को मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए, राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि परीक्षा रद्द करने का निर्णय अधिकारियों द्वारा गहन विचार-विमर्श के बाद लिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि गृह विभाग ऐसे अपराधों के खिलाफ एक मिसाल कायम करने के लिए आरोपियों के खिलाफ और सख्त दंडात्मक प्रावधान लगाने की संभावनाएं तलाश रहा है. उन्होंने कहा, अब तक, अपराध में किसी भी GSSSB अधिकारी की संलिप्तता का पता नहीं चला है लेकिन कोई भी जांच से परे नहीं है.
उन्होंने आगे कहा, "जैसे ही हमें पेपर लीक के बारे में पता चला, अपराध का पता लगाने और अपराधियों को भागने का मौका न मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए 24 पुलिस टीमों का गठन किया गया. साबरकांठा और गांधीनगर जिलों की पुलिस जांच में शामिल है."
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Gulabi
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