जनता से रिश्ता वेबडेसक | छह महीने पहले पीओएस मशीन को 50 ट्रैफिक स्पॉट पर शुरू किया गया था। पूरे छह महीने में जितने सीसीटीवी से ई-चालान बनते हैं, उतना एक महीने में ही पीओएस मशीन से बन जाता है। हालांकि जब पीओएस मशीन सिस्टम शुरू किया गया था तो ट्रैफिक एनफोर्समेंट का काम करने वाले पुलिसकर्मियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।
अप्रैल से 19 अक्टूबर तक कुल 4068 ई-चालान बने थे। इससे 42 लाख 99 हजार 300 रुपए इकट्ठा किए गए थे। वहीं पीओएस मशीन से 20 मई से 19 अक्टूबर तक 60262 रसीदें बनाई गई हैं। इसमें पुलिस ने 2 करोड़ 29 लाख 75 हजार 416 रुपए इकट्ठा किए हैं। इसके अलावा ट्रैफिक स्पॉट्स पर अप्रैल से 19 अक्टूबर तक 184913 रसीदें बनाई गई हैं, जिससे 7 करोड़ 77 लाख 64 लाख 934 रुपए वसूले गए हैं।
शहर ट्रैफिक पुलिस द्वारा ट्रैफिक एनफोर्समेंट को देखते हुए नियम का पालन न करने वालों के खिलाफ ट्रैफिक स्पॉट्स पर चालान बनाए जाते हैं। वहीं जो लोग पुलिसकर्मियों की नजर से बच जाते हैं ऐसे नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के लिए सीसीटीवी कैमरे की मदद से ई-चालान भेजा जाता है। अब सूरत ट्रैफिक पुलिस ने मई महीने में पीओएस मशीन से चालान बनाना शुरू कर दिया है।
चालान के लिए पीओएस मशीन का बढ़ सकता है उपयोग, स्टाफ को ट्रेंड करेंगे
आंकड़ों को देखने पर पता चलता है कि अब ई-चालान बनाने से ज्यादा आसान पीओएस पर जुर्माना काटना हो गया है। वहीं सीसीटीवी कैमरे का अब ज्यादा उपयोग नहीं हो रहा है। इसके अलावा पीओएस मशीन का उपयोग करने वाले पुलिसकर्मियों को इस बात का भी डर सता रहा था कि अगर सर्वर डाउन हुआ तो भविष्य में चालान के पैसों में हुए हेरफेर का पैसा की तनख्वाह से कटेगा। हाथ से रसीद बनाने के मुकाबले पीओएस मशीन से कम रसीद बन पाती है। आने वाले समय में इसका उपयोग बढ़ सकता है। उसी तरह से स्टाफ को ट्रेनिंग दी जाएगी।
पीओएस मशीन से वसूलने वाले जुर्माने लगातार बढ़ रहे, ई-चालान कम हुआ
पिछले छह महीनों के आंकड़ों काे देखा जाए तो जहां अप्रैल के बाद मई महीने से ट्रैफिक पॉइंट पर वसूलने वाले जुर्माना बढ़ा है। वहीं ई-चालान 1000 के नीचे आ गया है और पीओएस मशीन से वसूलने वाले जुर्माने लगातार बढ़ रहे हैं। अप्रैल महीने में ट्रैफिक पॉइंट पर 27833 रसीदें काटी गई थीं, जो मई में बढ़कर 34909 हो गई थी। वहीं ई-चालान अप्रैल में 1040 था जो मई में 465 हो गया और पीओएस 20 मई से शुरू किया था जिसने मई के 11 दिनों में ही 5563 चालान बनवा दिए थे।
पुलिस ट्रैफिक मैनेजमेंट के साथ इंफोर्समेंट पर भी ध्यान दे रही है। पीओएस मशीन का अच्छा रिस्पॉन्स है। अभी 50 पॉइंट पर चल रहा है। आने वाले समय में और भी जगहों पर बढ़ाया जाएगा। इससे लोगों को सहूलियत है। ऐसा कुछ तय नहीं किया है कि पीओएस आया है तो कैमरा से रसीद नहीं बनेगी। सभी पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है। लेकिन स्पॉट पर होने से एनफोर्समेंट ज्यादा होती है। - प्रशांत सुंबे, डीसीपी