गुजरात

गुजरात के 519 मछुआरे पाकिस्तान जेल में है बंद, राज्य सरकार ने दी जानकारी

Ritisha Jaiswal
17 March 2022 10:13 AM GMT
गुजरात के 519 मछुआरे पाकिस्तान जेल में है बंद, राज्य सरकार ने दी जानकारी
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गुजरात में विधानसभा सत्र चल रहा है। यहां राज्य सरकार ने जानकारी दी कि गुजरात के 519 मछुआरे पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं,

गुजरात में विधानसभा सत्र चल रहा है। यहां राज्य सरकार ने जानकारी दी कि गुजरात के 519 मछुआरे पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं, जिनमें से 358 को पाक ने पिछले दो वर्षों में गिरफ्तार किया है। हालांकि कुछ मछुआरे पाकिस्तान ने छोड़ दिए हैं।

मंत्री ने दिया लिखित जबाव
गुजरात के मत्स्य मंत्री जीतू चौधरी प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायकों द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब दे रहे थे। इस दौरान उन्होंने अपने लिखित जबाव में कहा कि गुजरात के 20 मछुआरे पाकिस्तान से रिहा होने के बाद पिछले दो वर्षों के दौरान लौट आए हैं।
हमेशा से पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा एजेंसी गुजरात के मछुआरों को अक्सर हिरासत में लेती रहती है, उन पर अरब सागर में काल्पनिक अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) को पार करके पाकिस्तानी जल में प्रवेश करने का आरोप लगाती है।
एक साल से 247 मछुआरे जेल में बंद
मत्स्य मंत्री जीतू चौधरी ने कहा कि पिछले दो वर्षों में गिरफ्तार किए गए 358 मछुआरों में से 163 को 2020 में और 195 को 2021 में गिरफ्तार किया गया था। आंकड़ों के मुताबिक 247 मछुआरे एक साल से पाकिस्तानी जेलों में बंद हैं, 76 पिछले तीन साल से और एक पांच साल से अधिक समय से जेल में है।
मछुआरों को बायोमेट्रिक कार्ड भी देना शुरू
मंत्री ने बताया कि पाकिस्तानी जेलों में बंद मछआरों को छुड़ाने के लिए गुजरात सरकार प्रक्रिया चलाती रहती है और नियमित तौर पर गृह मंत्रालय को आवश्यक दस्तावेज और सबूत प्रस्तुत करती है और मछुआरों की राष्ट्रीयता की भी पुष्टि करती है। इस कड़ी में राज्य सरकार ने बेहतर पहचान के लिए मछुआरों को बायोमेट्रिक कार्ड भी देना शुरू कर दिया है। अब तक 1.68 लाख मछुआरों को ये कार्ड आवंटित किए जा चुके हैं।
सरकार देती है आर्थिक मदद
आगे मंत्री जीतू चौधरी ने विधानसभा में जानकारी दी कि गुजरात सरकार पाकिस्तान की कैद में रहने वाले मछुआरों के परिवारों को प्रतिदिन 300 रुपये की आर्थिक सहायता देती है। साथ ही कहा कि सरकार ने 2020 में 184 मछुआरों के परिवारों को 2.30 करोड़ रुपये और 2021 में 323 परिवारों को 4.28 करोड़ रुपये वितरित किए।


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