
नई दिल्ली : विपक्ष की ओर से मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है जिसपर संभवत: अगले सप्ताह चर्चा होगी। जो संख्या बल है उसके लिहाज से इस प्रस्ताव का पराजित होना तय है यह विपक्ष भी मानता है, लेकिन रोचक पहलू यह है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पांच साल पहले 2018 में ही विपक्ष से कहा था कि 2023 में फिर से आपको अविश्वास प्रस्ताव लाने का मौका मिलेगा। यानी जो विश्वास तब था वह अब भी है और संभव है कि चर्चा के दौरान विपक्ष को फिर से इसकी याद दिलाई जाए। गौरतलब है कि 2018 में भी विपक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। अविश्वास प्रस्ताव की पहल के लिए विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि इसी तरह की पहल 2019 के चुनाव के पहले भी की गई थी और जनता ने विपक्ष को पाठ पढ़ा दिया था। बुधवार को संसद की कार्यवाही शुरू होने के पहले पत्रकारों से जोशी ने कहा कि लोगों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर पूरा भरोसा है। वे (विपक्ष) पहले भी ऐसी कोशिश कर चुके हैं। इस बार भी हारेंगे। गौरतलब है कि वर्तमान स्थिति में लोकसभा में राजग के पास 330 से ज्यादा वोट हैं, जबकि विपक्षी गठबंधन के पास लगभग 145 वोट। जबकि लगभग साढ़े पांच दर्जन वोट बीजद, टीडीपी और वाईएसआरसीपी जैसे दलों के पास है, जो किसी खेमे में नहीं है।