x
पणजी (आईएएनएस)। गोवा विधानसभा में सोमवार को मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा हुआ, जिसके चलते सात विपक्षी सदस्यों को दो दिन के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया गया। सातों विधायकों ने 'मणिपुर बचाओ, भारत बचाओ' लिखी तख्तियां लहराते हुए मणिपुर पर चर्चा की मांग की। आप विधायक क्रूज सिल्वा ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए प्राइवेट मेंबर प्रस्ताव दिया था, लेकिन सभापति रमेश तावड़कर ने उसे अस्वीकार कर दिया। इससे से नाराज विपक्षी सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे।
जब महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के विधायक जीत अर्लेकर सदन में अपनी बात रख रहे थे तो विपक्षी सदस्य पोस्टर लेकर उनकी ओर गए और उन्हें बोलने से रोका। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने तुरंत विपक्षी सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की और कहा कि विधायक को परेशान करना और बोलने के दौरान उनके कागजात और माइक छीनना सही नहीं है।
सावंत ने कहा, ''उन्हें हर तरफ से रोका गया। ये बहुत गलत है। कार्रवाई होनी चाहिए।''
उन्होंने कहा कि मणिपुर मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कदम उठा रहे हैं।
सावंत ने विपक्षी विधायकों के खिलाफ नियम 289 के तहत कार्रवाई की मांग की, जिस पर तदनुसार कार्रवाई की गई। विधायक जीत अर्लेकर ने भी स्पीकर से शिकायत की, कि विधायकों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। उन्होंने कहा, ''मुझे धक्का दिया गया। मेरे कागजात छीन लिए गए, यह सदन का अपमान है।''
जब विपक्षी विधायक वेल में थे, तब स्पीकर रमेश तवाडकर ने उन्हें समझाने की कोशिश की थी कि वे शुक्रवार को, जो कि प्राइवेट मेंबर का दिन है, मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की मांग कर सकते हैं।
तवाडकर ने कहा, ''इस मुद्दे को शुक्रवार को उठायें। मैं निर्णय लूंगा कि इसे देना है या नहीं। गृह विभाग (मणिपुर का) मुद्दा संभाल रहा है। आप इस मुद्दे को अभी नहीं उठा सकते... इस मुद्दे को शुक्रवार को प्राइवेट मेंबर्स डे के दौरान उठा सकते हैं।''
विपक्ष के नेता यूरी अलेमाओ ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि क्रूज सिल्वा के प्रस्ताव को सदन की कार्यवाही में सूचीबद्ध किया गया और फिर अस्वीकार कर दिया गया।
अलेमाओ ने सवाल किया, ''हम मणिपुर के ज्वलंत मुद्दे पर चर्चा चाहते थे, लेकिन स्पीकर ने इसकी अनुमति नहीं दी, किस आधार पर इसकी अनुमति नहीं दी गई, जबकि मामला अदालत में विचाराधीन होने के बावजूद 'बीबीसी डॉक्यूमेंट्री' के खिलाफ प्रस्ताव को अनुमति दी गई थी।''
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को मणिपुर के लोगों की कोई चिंता नहीं है। मणिपुर नैतिक समर्थन चाहता है। केंद्र सरकार (शांति लाने के लिए) कदम नहीं उठा रही है।
Next Story