गोवा
दुष्कर्म मामले में तरुण तेजपाल को बरी करने के खिलाफ हाईकोर्ट ने गोवा सरकार को अपील की दी अनुमति
Deepa Sahu
24 April 2022 8:46 AM GMT
x
बड़ी खबर
पणजी। बॉम्बे हाईकोर्ट की गोवा पीठ ने 2013 के यौन उत्पीड़न मामले में पत्रकार तरुण तेजपाल को बरी करने के फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए गोवा राज्य को अनुमति दे दी है। निचली अदालत द्वारा तहलका के पूर्व प्रधान संपादक तरुण तेजपाल को बरी करने के आदेश को गहरी जांच और पुनर्मूल्यांकन की जरूरत बताते हुए न्यायालय ने शनिवार को राज्य सरकार को 2013 के दुष्कर्म मामले में पूर्व पत्रकार को बरी किए जाने के खिलाफ अपील करने की अनुमति दी।
इस सबूत का मूल्यांकन मामले में पीड़ित की गवाही की पुष्टि के संदर्भ में किया जाना है। आदेश में यह भी कहा गया है कि पीड़िता के आचरण के बारे में पिछले साल पारित आदेश में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश क्षमा जोशी द्वारा किए गए निष्कर्षो पर फिर से विचार करने की जरूरत है।अदालत ने कह कि पीड़िता के आचरण के बारे में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीशों के निष्कर्षो को भी फिर से देखने की जरूरत हो सकती है। अपनी शिकायत दर्ज करने से पहले कुछ वकीलों से परामर्श करने के पीड़ित के आचरण से निष्कर्ष पर भी पुनर्विचार की जरूरत हो सकती है।
ऐसे बयानों के उचित दायरे के बारे में भी विचार करने की जरूरत है। ये बस एक संक्षिप्त कारण हैं, पूरा सच नहीं है। तेजपाल, जिन्होंने राज्य सरकार के उनके बरी होने के खिलाफ अपील करने के फैसले को चुनौती दी थी, ने अपने अपील आवेदन में अभियोजन पक्ष की ओर से प्रक्रियात्मक चूक का दावा किया। तेजपाल पर नवंबर, 2013 में गोवा के एक होटल की लिफ्ट में अपनी जूनियर सहयोगी से जबरदस्ती करने का आरोप लगाया गया था।
2013 में गोवा के पांच सितारा रिसॉर्ट में हुए कथित मामले के संबंध में तेजपाल पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (दुष्कर्म), 341 (गलत तरीके से छेड़ना), 342 (गलत कारावास) 354ए (यौन उत्पीड़न) और 354बी (आपराधिक हमला) के तहत आरोप लगाया गया था।21 मई को, उन्हें गोवा की निचली अदालत ने संदेह के लाभ का हवाला देते हुए बरी कर दिया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने एक अपील दायर की थी।
Next Story