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Panaji पणजी: गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खाउंटे ने मंगलवार को वन विभाग द्वारा मानसून के मौसम में राज्य के सभी झरनों में आगंतुकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने के परिपत्र पर कड़ी आपत्ति objection जताई।यहां पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि पिछले सप्ताह वन विभाग Forest Department के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा जारी किया गया परिपत्र उनके विभाग की अंतर्देशीय पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना के लिए हानिकारक है।खाउंटे Khunte ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को पहले ही मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के समक्ष उठाया है और जल्द ही राज्य के वन मंत्री विश्वजीत राणे से बात करेंगे।खाउंटे ने कहा, "झरने हमारे अंतर्देशीय पर्यटन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। न केवल पर्यटक, बल्कि स्थानीय लोग भी इन झरनों को देखना पसंद करते हैं। दिल्ली स्थित कोई वन विभाग अधिकारी सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए वहां प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाला परिपत्र जारी नहीं कर सकता।"
उन्होंने कहा कि झरनों पर पर्यटकों की सुरक्षा चिंता का विषय है, लेकिन इसका समाधान प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने में नहीं है।मंत्री ने कहा, "यदि सुरक्षा चिंता का विषय है, तो हमें इसके लिए समाधान निकालना होगा।" उन्होंने कहा कि राज्य कुछ झरनों को सुरक्षित स्थान घोषित कर सकता है, जहां पर्यटकों को जाने की अनुमति दी जा सकती है, जबकि अन्य झरनों में, जहां डूबने की संभावना है, आगंतुकों के लिए प्रतिबंध लगाया जा सकता है।खाउंटे ने कहा कि राज्य अंतर्देशीय पर्यटन को बढ़ावा देने पर काम कर रहा है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मदद मिलती है।उन्होंने कहा, "जब पर्यटक झरनों पर आते हैं, तो स्थानीय लोगों को लाभ होता है।"उन्होंने कहा कि वन और पर्यटन विभागों को मिलकर काम करना होगा।गोवा में मानसून पहले ही दस्तक दे चुका है और राज्य में पिछले पखवाड़े से बारिश हो रही है।
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Harrison
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