गोवा

गोवा के मंत्री ने छात्रों के माता-पिता से की थी अपील, पैरेंट्स का आया जवाब- 'ऑनलाइन पढ़ाई ने बनाया जरूरी'

Kunti Dhruw
1 May 2022 4:23 PM GMT
गोवा के मंत्री ने छात्रों के माता-पिता से की थी अपील,  पैरेंट्स का आया जवाब- ऑनलाइन पढ़ाई ने बनाया जरूरी
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गोवा के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रोहन खुंटे ने शुक्रवार को छात्रों के माता-पिता से अपील करते हुए।

गोवा के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रोहन खुंटे ने शुक्रवार को छात्रों के माता-पिता से अपील करते हुए, कहा कि अभिभावकों को मोबाईल फोन को उपहार समझना बंद करना चाहिए। उन्हें अपने बच्चों को यह बताना चाहिए कि यह केवल स्कूलों पर कोरोना महामारी के प्रतिबंधों से निपटने के लिए सिर्फ एक गैजेट भर था। उन्होंने पत्रकारों आगे कहा कि अभिभावकों को शिक्षा की जरूरत के लिए कोरोना के दौरान मोबाइल फोन पर निर्भरता स्वीकार करने के लिए मजबूर किया गया था। हालांकि, अब अभिभावक इस बात से चिंतित हैं कि बच्चे इन उपकरणों पर कितना समय बिता रहे हैं।

मंत्री रोहन खुंटे ने आगे कहा कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण से बात सामने आई है कि मोबाइल फोन की लत बच्चों पर गंभीर असर डाल रही है। अब स्कूल में शारीरिक कक्षाएं शुरू हो चुकी हैं। अभिभावकों के पास में मौका है कि बच्चों को इन उपकरणों की आदत से बाहर निकाल कर समाज से जोड़ें। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने आगे कहा कि इंटरनेट और मोबाइल की लत बच्चों को शारीरिक और सामाजिक गतिविधियों से दूर कर रहे हैं। बच्चों के स्वस्थ मानसिक और भावनात्मक विकास को सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन और पारंपरिक शिक्षा के बीच एक संतुलन बनाना होगा।
मोबाइल के दुरुपयोग से निपटने की आवश्यकता
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, प्रसिद्ध शिक्षाविद नारायण देसाई ने बताया कि छात्रों द्वारा गैजेट्स का अत्यधिक उपयोग और दुरुपयोग कुछ ऐसा है जिससे हमें निपटने की आवश्यकता है। इसके लिए शिक्षण संस्थानों के स्तर पर उचित सोच और योजना बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि माता-पिता और छात्र पूरी तरह से गैजेट्स से दूर नहीं हो सकते क्योंकि नई शिक्षा नीति (एनईपी) मल्टीमीडिया का उपयोग करने और बच्चे को स्वयं सीखने वाला बनाने की बात करती है।
देसाई ने बताया कि नई शिक्षा नीति इस बात पर जोर देती है कि बच्चे को गैजेट के जानकार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद छात्र अपनी स्कूली शिक्षा के लिए मोबाइल का अधिक उपयोग कर रहे हैं। इसके लिए शिक्षकों और अभिभावकों को एक साथ आकर कोई रास्ता निकालना चाहिए।
ऑनलाइन पढ़ाई के कारण बच्चों को स्मार्टफोन देना जरूरी
गोवा निवासी संचिता पाई रायकर ने कहा कि जब से ऑनलाइन शिक्षा एक आदर्श बन गई है, बच्चों के पास अपने अलग गैजेट हैं। मेरा बेटा कक्षा पांचवीं में पढ़ रहा है, लेकिन उसके मोबाइल फोन पर माता-पिता का नियंत्रण बिल्कुल नहीं के बराबर है। कई अन्य अभिभावकों का भी यही कहना है कि ऑनलाइन पढ़ाई के कारण बच्चों को स्मार्टफोन देना जरूरी बन गया है। उन्होंने यह भी कहा कि केवल बच्चों को दोष देना उचित नहीं है, क्योंकि वे बड़े हो रहे हैं यह देखकर और समझ रहे हैं कि फोन सबसे महत्वपूर्ण चीज है। यह ऑनलाइन लर्निंग का बड़ा टूल है।
डिजिटल डिटॉक्सिफिकेशन की जरूरत
वहीं, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की गोवा इकाई के पूर्व प्रमुख डॉ शेखर साल्कर ने कहा कि कई माता-पिता मनोवैज्ञानिकों से संपर्क करने लगे हैं कि बच्चों द्वारा मोबाइल फोन के उपयोग को कैसे कम किया जाए। हर कोई इस बात से सहमत है कि डिजिटल डिटॉक्सिफिकेशन की जरूरत है। यह अच्छी बात है कि विचार सरकार की ओर से आ रहा है, लेकिन वास्तव में यह कौन करेगा यह एक सवाल है।


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