गोवा

Goa Assembly Election: गोवा में पार्टियों के लिए सियासी बना खनन, जानें पूरा मामला

Kunti Dhruw
7 Jan 2022 7:46 AM GMT
Goa Assembly Election: गोवा में पार्टियों के लिए सियासी बना खनन, जानें पूरा मामला
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कोरोना के इस दौर में अगर सब कुछ ठीक रहा.

कोरोना के इस दौर में अगर सब कुछ ठीक रहा, तो गोवा में जल्द ही विधानसभा की 40 सीटों के लिए मतदान होंगे. वहीं गोवा में पर्यटकों की भीड़ सबसे अधिक गर्मियों के महीनें में होती है.देश भर में कोविड के ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से विदेशी पर्यटक नदारद हैं, राज्य की अर्थव्यवस्था संकट में हैं और बेरोज़गारी बढ़ रही है.

यही कारण है कि विधानसभा चुनाव से पहले गोवा में आयरन ओर खनन दोबारा शुरू करने की आवाजें उठ रही हैं. माइनिंग, गोवा के लिए राजस्व का एक बड़ा ज़रिया रहा है, बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक,अवैध खनन के आरोपों के बाद साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश से यहां खनन पर पाबंदी है.रिपोर्ट के मुताबिक, मुकदेमाबाज़ी और अवैध खनन के आरोपों की वजह से 2012 में ही अधिकतर खानों को बंद कर दिया गया था.
खनन के मालिकों को भारी नुकसान
जिसके बाद लौह अयस्क का सालाना टर्नओवर 22,000 करोड़ रुपये का था और इसके सबसे महत्वपूर्ण ग्राहक चीन और जापान थे.कच्चे लोहे के खनन और इसके सहायक उद्योगों और व्यापारों से जुड़े लाखों स्थानीय लोग बेरोज़गार बैठे हैं. राज्य को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है. लौह अयस्क निर्यात करने वाले खनन के मालिकों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ये मामला संवेदनशील है और विवादास्पद भी है.
सुप्रीम कोर्ट ने 88 लौह अयस्क खनन पट्टों के दूसरे रिन्यूअल को अमान्य करने का आदेश दिया था. इससे पहले इन सभी पट्टों को साल 2014-15 सरकार द्वारा रिन्यू कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का परिणाम राज्य में लौह खनन के काम पर पूरी तरह से रोक के रूप में हुआ. इससे न केवल हजारों लोगों का रोजगार चला गया बल्कि राज्य को मिलने वाला एक बड़ा राजस्व भी छिन गया.
अर्थव्यवस्था को झटका
खानें दोबारा कब खुलेंगी ये सवाल राज्य की 14 लाख आबादी के भविष्य से जुड़ा है और शायद इसीलिए ये आगामी विधानसभा चुनाव का एक अहम मुद्दा है. अगर किसी पार्टी के पास खनन दोबारा खोलने का रोडमैप नहीं है तो उसे वोट मिलने में दिक़्क़त हो सकती है. चुनावी अभियान में सभी राजनीतिक दल सत्ता में आने पर राज्य में खनन फिर से खोलने का बढ़-चढ़ कर दावा कर रहे हैं.
अंबर टिंब्लो 'फ़ोमेंटो रिसोर्सेज़' के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, वो कहते हैं, 'हम जो कुछ भी करते हैं, जिस तरह से भी हम फिर से शुरू करने का प्रयास करते हैं, हम गोवा में खनन बंद करने की इच्छा रखने वाले गैर सरकारी संगठन किसी भी कार्रवाई को चुनौती देगा. इसलिए हम दोबारा शुरू करने का पूरी तरह से इरादा रखते हैं. अंबर टिंब्लो 'फमेंटो रिसोर्सेज़' के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, वो कहते हैं, 'हम जो कुछ भी करते हैं, जिस तरह से भी हम फिर से शुरू करने का प्रयास करते हैं, हम गोवा में खनन बंद करने की इच्छा रखने वाले गैर सरकारी संगठन किसी भी कार्रवाई को चुनौती देगा. इसलिए हम दोबारा शुरू करने का पूरी तरह से इरादा रखते हैं.'
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