![गोवा के सीएम प्रमोद सावंत पर कांग्रेस ने साधा निशाना गोवा के सीएम प्रमोद सावंत पर कांग्रेस ने साधा निशाना](https://jantaserishta.com/h-upload/2023/02/24/2585981-images-2335411114640x320.webp)
दिल्ली: महादयी जल विवाद पर एक बार फिर से कांग्रेस (Congress) ने गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि प्रमोद सावंत ने कर्नाटक की तरफ से पानी मोड़ने के केंद्र सरकार के फैसले को मान लिया है। बता दें कि गोवा में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने केंद्र सरकार के उस फैसले का स्वागत किया था, जिसमें महादयी विवाद को लेकर महादयी जल प्राधिकरण का गठन किया गया है। इसका नाम 'प्रवाह' रखा गया है।
गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमित पाटकर (President Amit Patkar) ने गुरुवार को कहा कि सावंत सरकार ने केंद्र के फैसले को स्वीकार कर लिया है, जबकि नदी के पानी के वितरण पर महादयी जल विवाद न्यायाधिकरण के फैसले को चुनौती देने वाली राज्य की याचिका उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है।
अमित पाटकर (Amit Patkar) ने कहा, 'महादयी जल प्राधिकरण के गठन पर सीएम प्रमोद सावंत की प्रतिक्रिया साबित करती है कि गोवा सरकार ने नदी को मोड़ने के केंद्र के फैसले को पहले ही स्वीकार कर लिया है। वह भूल गए हैं कि गोवा ने महादयी जल न्यायाधिकरण के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और इसका फैसला अभी भी लंबित है।'
उन्होंने आगे कहा, 'क्या सीएम ने आसानी से इसे भूलने और पानी को कर्नाटक की ओर मोड़ने की अनुमति देने का फैसला किया है?' पाटकर ने आरोप लगाया कि सावंत ने प्राधिकरण बनाने के फैसले को इसके फायदे और नुकसान का अध्ययन किए बिना ही स्वीकार कर लिया।
क्या है महादयी नदी विवाद मामला?
जिस महादयी नदी और उसके पानी को लेकर विवाद है वो गोवा और कर्नाटक दोनों राज्यों से होकर गुजरती है। 77 किलोमीटर लंबी इस नदी का 29 किलोमीटर तक का हिस्सा कर्नाटक में हैं। नदी का 52 किलोमीटर वाला हिस्सा गोवा के दायरे में आता है। महादयी का उद्गम कर्नाटक के बेलगाम जिले के पश्चिमी घाट से होता है।
इसको लेकर कर्नाटक सरकार लंबे समय से एक परियोजना लाने की तैयारी में है। सरकार राज्य की सीमा के अंदर महादयी नदी से 7.56 टीएमसी पानी को मलप्रभा डैम तक लाना चाहती है। ऐसा करने के लिए पानी की धारा को कलसा और बंडूरी नामक दो नहरों में मोड़ा जाना है। इसलिए इस परियोजना को कलसा-बंडूरी नहर परियोजना कहा गया है। इस प्रोजेक्ट के जरिए कर्नाटक धारवाड़, गदग और बेलगावी जिले में पीने के पानी की सप्लाई को बढ़ाना चाहता है। गोवा सरकार इसी परियोजना के खिलाफ है। अब इस विवाद का हल निकालने के लिए केंद्र सरकार ने कदम बढ़ाया है।