लोनी के थाना ट्रॉनिका सिटी क्षेत्र के इलायचीपुर गांव में मोनू नाम के एक शख्स का परिवार रहता है। उसके परिवार में 30 वर्षीय पत्नी मोनिका, 3 वर्षीय बेटा अंश, 11 वर्षीय बेटी मनाली और 6 वर्षीय बेटी साक्षी है। मोनू मजदूरी कर अपने परिवार का लालन पालन करता है। मोनू की शादी 13 साल पहले मोनिका के साथ हुई थी। इसके बाद अचानक मोनू की तबीयत खराब रहने लगी। मोनू की पत्नी ने सरकारी अस्पताल में मोनू का उपचार कराया, जांच में टीबी की बीमारी होने का पता चला। इसके बाद मोनू का उपचार सरकारी अस्पताल में ही शुरू हो गया। लेकिन, काम नहीं कर पाने के कारण मोनू की आर्थिक हालत बिगड़ती चली गई। मोनिका इस बात को लेकर बेहद परेशान रहती थी और वह अपने पति का उपचार किसी अच्छे निजी अस्पताल में कराना चाहती थी। आर्थिक तंगी के कारण वह अपने पति का उपचार नहीं करा पाई। इसको लेकर मोनिका अक्सर पड़ोसियों से बात करती थी।
गाजियाबाद के लोनी इलाके में आर्थिक तंगी के चलते पति की टीबी की बीमारी का इलाज नहीं करा पाने के चलते एक महिला तीन बच्चों समेत खुद भी जहर खा लिया। बताया जा रहा है कि शनिवार को महिला का पति किसी काम से बाहर गया हुआ था। इसी बीच महिला ने बच्चों को जहर देकर खुद भी जहर खा लिया। जिसके बाद महिला और उसके इकलौते बेटे की रात को ही मौत हो गई। जबकि दो बेटियाें की हालत बेहद गंभीर थी। उनका इलाज दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में चल रहा था। जहां उपचार के दौरान रविवार सुबह उन्होंने भी दम तोड़ दिया। जैसे ही घटना की जानकारी इलाके के लोगों को मिली तो वे मौके पर दौड़े।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मोनिका और उसके बेटे के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। उधर, दोनों लड़कियों की भी इलाज के दौरान मौत हो गई है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।