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जनता से रिश्ता वेबडेस्क : विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की भारतीय शेयर बाजारों में अंधाधुंध बिकवाली का सिलसिला लगातार जारी है। मई महीने में FPI भारतीय बाजारों से अब तक 25,200 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं। ग्लोबल लेवल पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी और कई प्रमुख देशों में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच विदेशी निवेशक लगातार भारतीय शेयरों में लगाया अपना पैसा निकाल रहे हैं।कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च (रिटेल) हेड, श्रीकांत चौहान ने बताया, "कच्चे तेल की ऊंची कीमतों, बढ़ती महंगाई और मॉनिटरी पॉलिसी में सख्ती का असर शेयर बाजारों पर पड़ा है। इसके अलावा निवेशक महंगाई के आगे भी ऊंचे स्तर पर बने रहने के संकेतों को लेकर चिंतित हैं। हमारा मानना है कि निकट भविष्य में भी FPI का रुख उतार-चढ़ाव वाला रहेगा।"
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक, पिछले अक्टूबर 2021 से ही लगातार भारतीय बाजार से अपना निवेश निकाल रहे हैं। अक्टूबर 2021 से अप्रैल 2022 तक, पिछले सात महीनों में उन्होंने भारतीय शेयरों से 1.65 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं। ट्रेडस्मार्ट के चेयरमैन विजय सिंघानिया का मानना है कि आगामी हफ्तो में भी FPI की निकासी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि इस समय भारतीय शेयरों में FPI की हिस्सेदारी घटकर 19.5 फीसदी पर आ गई है, जो मार्च 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है।
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