रोहतक की भरत कॉलोनी निवासी जसपाल ने बताया है कि वह एक फाइनेंस कंपनी चलाते हैं। उनके जानकार युवक सुभाष ने 65 लाख के ऋण की मांग की। उन्होंने उससे गारंटी के तौर पर कुछ लगाने के लिए कहा तो उसने शहर की एक ट्रस्ट में खुद को साझेदार बताते हुए ट्रस्ट की बाजार में स्थित चार दुकानों का इकरारनामा कर दिया। इकरारनामा के लिए दुकानों में साझेदार होने के दस्तावेज भी दिखा दिए।
इसके बाद उन्होंने चेक के माध्यम से युवक को 65 लाख रुपए दे दिए। वापसी के समय पर जब उन्होंने युवक से संपर्क किया तो वह आश्वासन पर आश्वासन देता रहा। इसके बाद गायब ही हो गया। ट्रस्ट में जाकर पता किया तो वहां जानकारी मिली कि सुभाष को 6 महीने पहले ही ट्रस्ट से निकाला जा चुका था, अब वहां उसकी कोई साझेदारी नहीं बची थी। ऋण के लिए उसने फर्जी दस्तावेज लगाए थे। शिकायतकर्ता जसपाल ने बताया कि आरोपी उत्तर प्रदेश चला गया है। वहीं परिजन शहर के एक मकान में रहते हैं। परिजन न तो आरोपी से फोन पर बात कराते हैं और न ही उसकी कोई जानकारी देते हैं। मामले में थाना पुलिस का कहना है कि आरोपी की तलाश के लिए टीम भेजी जाएगी। उसे जल्द ही गिरफ्तार कर उचित कार्रवाई की जाएगी।