लावारिस अवस्था में शव मिलने के बाद पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उसकी शिनाख्त के प्रयास कराए जाने का नियम है। जहां शव को 72 घंटे तक मोर्चरी में सुरक्षित रखा जाता है। इस दौरान पुलिस अधिकारियों द्वारा इसके लिए विभिन्न थाना क्षेत्रों में संपर्क किया जाता है। वहीं, दूसरे जनपदों से भी जानकारी ली जाती है, लेकिन जिले में पुलिस अधिकारियों की संवेदनशीलता के चलते 4 वर्षों में 100 शवों की पहचान नहीं हो सकी। पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा पंपलेट छपवारकर कर्तव्य से इतिश्री कर ली गई।
28 अगस्त 2018 को सातनपुर में एक युवक का शव मिला था जिसकी हत्या की गई थी। जबकि मऊदरवाजा थाना क्षेत्र के शिकोहाबाद रेलवे लाइन पर पुल के नीचे बघार नाले में हत्या कर महिला का शव फेंका गया था। इन दोनों मामलों में भी अभी तक पुलिस को सुराग नहीं मिले।
लावारिस अवस्था में मिले शवों के आंकड़ों पर एक नजर
2018: 13
2019: 23
2020: 30
2021: 35