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राष्ट्र : शोध एवं विकास और नवाचार में निवेश किसी भी राष्ट्र की सतत वृद्धि एवं समग्र समृद्धि के लिए अति आवश्यक है। नरेन्द्र मोदी सरकार इस आवश्यकता को भलीभांति समझती है। इसीलिए सरकार ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के लिए बजटीय आवंटन बढ़ाने, स्टार्टअप्स या नवउद्यमों के लिए अनुकूल परिवेश बनाने और अक्षय ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआइ और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में शोध को प्रोत्साहन देने की दिशा में कदम बढ़ाए है। सरकार नवाचार की संस्कृति को आगे बढ़ाने में सक्रियता से जुटी है। विभिन्न सरकारी नीतियां और पहल शोध एवं विकास का सतत वृद्धि एवं सामाजिक-आर्थिक विकास की दृष्टि से लाभ उठाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं, जिससे भारत को तकनीकी एवं नवाचार के मोर्चे पर भविष्य की एक महाशक्ति के रूप में स्थापित किया जा सके। अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बिल, 2023 इसी प्रतिबद्धता का अगला पड़ाव है। इस विधेयक को गत चार अगस्त को लोकसभा में प्रस्तुत किया गया। संसद के दोनों सदनों से पारित होने के उपरांत इससे नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) की स्थापना संभव होगी। एनआरएफ भारत में शोध-अनुसंधान एवं विकास से जुड़े ढांचे में व्यापक रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।लिए अति आवश्यक है। नरेन्द्र मोदी सरकार इस आवश्यकता को भलीभांति समझती है। इसीलिए सरकार ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के लिए बजटीय आवंटन बढ़ाने, स्टार्टअप्स या नवउद्यमों के लिए अनुकूल परिवेश बनाने और अक्षय ऊर्जा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआइ और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में शोध को प्रोत्साहन देने की दिशा में कदम बढ़ाए है। सरकार नवाचार की संस्कृति को आगे बढ़ाने में सक्रियता से जुटी है। विभिन्न सरकारी नीतियां और पहल शोध एवं विकास का सतत वृद्धि एवं सामाजिक-आर्थिक विकास की दृष्टि से लाभ उठाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं, जिससे भारत को तकनीकी एवं नवाचार के मोर्चे पर भविष्य की एक महाशक्ति के रूप में स्थापित किया जा सके। अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बिल, 2023 इसी प्रतिबद्धता का अगला पड़ाव है। इस विधेयक को गत चार अगस्त को लोकसभा में प्रस्तुत किया गया। संसद के दोनों सदनों से पारित होने के उपरांत इससे नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) की स्थापना संभव होगी। एनआरएफ भारत में शोध-अनुसंधान एवं विकास से जुड़े ढांचे में व्यापक रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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