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सूखे में गुजरा दिसंबर, 85 फीसदी कम बारिश

2 Jan 2024 4:54 AM GMT
सूखे में गुजरा दिसंबर, 85 फीसदी कम बारिश
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शिमला। प्रदेश में सूखे का संकट लगातार बना हुआ है। दिसंबर महीने में इस साल 85 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई है। बारिश का यह असर प्रदेश के सभी जिलों में देखने को मिला है। सबसे ज्यादा किन्नौर में 99 फीसदी की कमी आंकी गई है। दिसंबर महीने में महज 5.8 फीसदी बारिश रिकार्ड हुई है, …

शिमला। प्रदेश में सूखे का संकट लगातार बना हुआ है। दिसंबर महीने में इस साल 85 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई है। बारिश का यह असर प्रदेश के सभी जिलों में देखने को मिला है। सबसे ज्यादा किन्नौर में 99 फीसदी की कमी आंकी गई है। दिसंबर महीने में महज 5.8 फीसदी बारिश रिकार्ड हुई है, जबकि दिसंबर में सामान्य बारिश का आंकड़ा 38.1 फीसदी था। साल की आखिरी तिमाही में अक्तूबर से दिसंबर तक बारिश में 45 फीसदी की कमी दर्ज हुई है। तीनों महीनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो केवल अक्तूबर में ही सामान्य से अधिक बारिश हुई है। अक्तूबर में 25.1 एमएम बारिश की संभावना थी और इसके मुकाबले 27.3 एमएम बारिश रिकार्ड की गई। यह आंकड़ा 09 प्रतिशत अधिक था। अक्तूबर माह में चंबा, ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कुल्लू, शिमला और सोलन में ज्यादा बारिश हुई।

कांगड़ा, मंडी और सिरमौर में सामान्य बारिश दर्ज की गई, जबकि लाहुल-स्पीति और किन्नौर में अक्तूबर महीने में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई है। नवंबर में बारिश में 38 फीसदी की कम रिकार्ड हुई है। नवंबर में 19.7 मिलीमीटर बारिश होने का अनुमान था,लेकिन इसके मुकाबले 12.2 फीसदी ही बारिश हो पाई। इस दौरान चंबा, कुल्लू, शिमला, मंडी, सिरमौर, लाहुल-स्पीति और किन्नौर में कम बारिश दर्ज की गई, जबकि कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना और बिलासपुर में भरपूर बादल बरसे है। प्रदेश का सोलन ही इकलौता ऐसा जिला है, जहां नवंबर में सामान्य बारिश दर्ज की गई। प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश पहली दिसंबर को डलहौजी में दर्ज हुई थी। इसमें 26 एमएम बारिश दर्ज हुई है, जबकि पहली दिसंबर को ही लाहुल-स्पीति के गोंदला में एक दिसंबर को 12 सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई थी।

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