छात्रा : छात्रा श्रेया तिवारी की तेरहवीं शुक्रवार को स्वजन के आंसुओं के साथ संपन्न हुई। अपनों के बीच बैठे श्रेया के पिता ऋतुराज तिवारी अचानक फफक पड़े और कहा कि बेटी तो अब नहीं आने वाली, लेकिन उसकी आत्मा की शांति के लिए हर दरवाजा खटखटाऊंगा, जहां से न्याय की उम्मीद होगी। उन्होंने कहा, इस तरीके से आरोपितों को बरी कर देना कहीं से भी न्यायसंगत नहीं है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उच्च न्यायालय तक न्याय की गुहार लगाएंगे। उधर, श्रेया की मां नीतू को लोग ढांढस बंधाते रहे। बेटी की तेरवहीं के दिन मां के विलाप से लोगों का कलेजा फटा सा जा रहा था। श्रेया तिवारी की त्रयोदशी के अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में उसके घर पहुंचे लोगों ने दिवंगत आत्मा को नमन कर उसके चित्र पर अपनी पुष्पांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम में पहुंचने वालों की संख्या तो काफी रही, लेकिन भोज कार्यक्रम में कोई शामिल नहीं हुआ। सभी की संवेदना दिवंगत छात्र की आत्मा को शांति देने के प्रति नजर आई। परिवार के लोगों ने भी उपस्थित जनसमूह का आग्रह मान केवल ब्राह्मणों को भोजन कराया। आंखों में आंसू लेकर भोजन परोस रहे माता-पिता को देख पुरोहितों ने भी बस केवल कोरम पूरा किया।अपनों के बीच बैठे श्रेया के पिता ऋतुराज तिवारी अचानक फफक पड़े और कहा कि बेटी तो अब नहीं आने वाली, लेकिन उसकी आत्मा की शांति के लिए हर दरवाजा खटखटाऊंगा, जहां से न्याय की उम्मीद होगी। उन्होंने कहा, इस तरीके से आरोपितों को बरी कर देना कहीं से भी न्यायसंगत नहीं है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उच्च न्यायालय तक न्याय की गुहार लगाएंगे। उधर, श्रेया की मां नीतू को लोग ढांढस बंधाते रहे। बेटी की तेरवहीं के दिन मां के विलाप से लोगों का कलेजा फटा सा जा रहा था। श्रेया तिवारी की त्रयोदशी के अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में उसके घर पहुंचे लोगों ने दिवंगत आत्मा को नमन कर उसके चित्र पर अपनी पुष्पांजलि अर्पित की। इस कार्यक्रम में पहुंचने वालों की संख्या तो काफी रही, लेकिन भोज कार्यक्रम में कोई शामिल नहीं हुआ। सभी की संवेदना दिवंगत छात्र की आत्मा को शांति देने के प्रति नजर आई। परिवार के लोगों ने भी उपस्थित जनसमूह का आग्रह मान केवल ब्राह्मणों को भोजन कराया। आंखों में आंसू लेकर भोजन परोस रहे माता-पिता को देख पुरोहितों ने भी बस केवल कोरम पूरा किया।