
फ़िरोज़ाबाद : दारोगा दिनेश मिश्रा की हत्या के पर्दाफाश पर उनके स्वजन को विश्वास नहीं हो पा रहा है। उन्होंने आरोपित धीरज का पालीग्राफ या नार्काे टेस्ट कराने की मांग की है। जिससे सच्चाई सामने आ सके। इस संबंध में दारोगा की पुलिसकर्मी बेटी, दामाद और छोटे भाई ने इंस्पेक्टर अरांव से भी मुलाकात की। पुलिस का कहना है कि धीरज ने दो माह का वेतन न देने, बेटी की फीस के लिए भी रुपये न देने पर गुस्से में आकर दारोगा को गोली मारी। पुलिस का ये भी कहना है कि धीरज शराब की अत्यधिक नशे में था। दारोगा के बेटे मोहित मिश्रा का कहना है कि उनके साथ ही परिवार के किसी भी सदस्य को ये विश्वास नहीं हो रहा है कि धीरज ने ये वारदात की है। यदि की भी है तो उसके साथ कोई और भी इस घटना में शामिल है। यदि पुलिस उस तक नहीं पहुंचेगी तो उनके परिवार को भविष्य में भी कोई नुकसान हो सकता है। इसलिए पुलिस को चाहिए कि धीरज का उनके स्वजन और मीडिया के सामने पालीग्राफ या नार्को टेस्ट कराया जाए। गुरुवार की रात दारोगा को जैसे ही गोली लगी उसकी आवाज वहां से 40-50 मीटर दूर रहने वाले स्कूल संचालक उदयवीर सिंह ने सुनी। जागरण को उन्होंने बताया कि घटना रात आठ बजे करीब की है। वह छत पर थे। गोली चलने की आवाज सुनकर बेटी से देखने को कहा। उसे बाइक खड़ी दिखाई दी। उसे लगा कि बाइक का टायर फटा है। थोड़ी देर बाद उसे साहब..साहब की आवाज सुनाई दी। इसके बाद मैंने वहां से गुजर रहे बाइक सवारों से देखने के लिए कहा, लेकिन कोई रुका नहीं। इसके बाद एक साइकिल वाले से कहा उसने देखकर बताया कि दारोगा मिश्रा जी सड़क पर पड़े हैं। खून निकल रहा है। इसके बाद मैं मौके पर पहुंचा तो धीरज खड़ा मिला।है तो उसके साथ कोई और भी इस घटना में शामिल है। यदि पुलिस उस तक नहीं पहुंचेगी तो उनके परिवार को भविष्य में भी कोई नुकसान हो सकता है। इसलिए पुलिस को चाहिए कि धीरज का उनके स्वजन और मीडिया के सामने पालीग्राफ या नार्को टेस्ट कराया जाए। गुरुवार की रात दारोगा को जैसे ही गोली लगी उसकी आवाज वहां से 40-50 मीटर दूर रहने वाले स्कूल संचालक उदयवीर सिंह ने सुनी। जागरण को उन्होंने बताया कि घटना रात आठ बजे करीब की है। वह छत पर थे। गोली चलने की आवाज सुनकर बेटी से देखने को कहा। उसे बाइक खड़ी दिखाई दी। उसे लगा कि बाइक का टायर फटा है। थोड़ी देर बाद उसे साहब..साहब की आवाज सुनाई दी। इसके बाद मैंने वहां से गुजर रहे बाइक सवारों से देखने के लिए कहा, लेकिन कोई रुका नहीं। इसके बाद एक साइकिल वाले से कहा उसने देखकर बताया कि दारोगा मिश्रा जी सड़क पर पड़े हैं। खून निकल रहा है। इसके बाद मैं मौके पर पहुंचा तो धीरज खड़ा मिला।