उत्तराखंड के पौड़ी जिले में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. साइबर ठगों के हौसले इतने बुलंद है कि यहां बीते छह महीने के भीतर ही साइबर ठगों ने पौड़ी जिले के 44 लोगों को अब तक साइबर ठगी का शिकार बना डाला और इनसे 22 लाख की धनराशि भी ठग ली. गनीमत ये रही कि समय रहते साइबर ठगी के शिकार हुए लोगों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने इन ठगो के मंसूबों पर पानी फेर दिया और पीड़ितों से ठगी हुई रकम भी वापस दिला दी.
साइबर टीम की शानदार सफलता
साइबर टीम की इस शानदार सफलता पर एसएसपी यशवंत ने उनके काम की जमकर सराहना की इसके साथ ही मौजूदा समय में बढ़ते साइबर अपराधों पर चिंता भी जताई. उन्होंने बताया कि जिले के पौड़ी, श्रीनगर और कोटद्वार के क्षेत्रों में बीते छह महीनों में 44 लोगों को साइबर ठगों ने अपना निशाना बनाया और इनसे 22 लाख रुपये की धनराशि ठग ली गई. एसएसपी ने कहा कि साइबर ठगों के मंसूबों पर नकेल कसने के लिए साइबर पुलिस बेहतर कार्य कर रही है. पुलिस ने ऑनलाइन गेट-वे के अधिकारियों से ये राशि लौटाने में सफलता पाई है.
साइबर ठगों से वापस दिलाए पैसे
पौड़ी जनपद में सबसे बड़ी ठगी थलीसैंण में हुई थी जिसमें ठगों ने 7 लाख की राशि पर हाथ साफ कर लिया था. इसके अलावा कोटद्वार निवासी से 1.18 लाख, भैंसरो पौड़ी निवासी से 2.23 लाख की राशि ठग ली गई थी जिसे पुलिस ने सकुशल से पीड़ितों तक पहुंचाया. इसके साथ ही एसएसपी ने लोगों को साइबर ठगों से सावधान रहने की भी अपील की और कहा कि किसी बैंक सम्बन्धी कॉल या लॉटरी काल पर व्यक्ति फोन पर आए ओटीपी को शेयर न करें और बैंक सम्बन्धी जानकारी किसी व्यक्ति से साझा न करें.