छत्तीसगढ़ शासन के विभिन्न रोजगार मूलक कार्यक्रमों के तहत अब राज्य के ग्रामीण एवं दूरस्थ अनुसूचित जनजाति ईलाकों के युवा भी स्वरोजगार के जुड़कर अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ कर रहे हैं। बीजापुर जिले के उसूर विकासखण्ड अंतर्गत सूदूर ग्राम पंचायत मोदकपाल निवासी एंकटेश्वर जागर को डेयरी विकास उद्यमिता विकास योजना अंतर्गत 2018-19 में एक लाख बीस हजार रूपये का ऋण जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बीजापुर द्वारा प्रदान किया गया था। अब वह अपनी मेहनत, लगन और शासन की योजनाओं का लाभ लेकर इन दो वर्षो में अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के साथ-साथ ऋण मुक्त भी हो गया। जिसके लिये एंकटेश्वर शासन-प्रशासन को हृदय से धन्यवाद देते हुए कहता है कि अब मेरा सपना साकार हुआ जिसके लिये प्रशासन के सहयोग का सदा आभारी रहूंगा। जिन्होने मुझे सही समय में मदद कर मुझे आत्मनिर्भर बनाया है।
एंकटेश्वर ने बताया कि मैंने दो वर्ष पूर्व राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजनातंर्गत ऋण लिया उस राशि से मैंने 6-6 माह के अंतराल में 02 मुर्रा भैंस खरीदा, मुर्रा भैंस जो कि सर्वाधिक दूध देती है प्रति भैंस प्रतिदिन 9-10 लीटर दूध देती है। दूध उत्पादन 7 माह किया गया है जो प्रतिवर्ती अनुसार दोनों भैंस से आज पर्यन्त सुचारू रूप से दूध का उत्पादन हो रहा है। जिससे इन दो वर्षो में मैंने तीन लाख रूपये का दूध बेचकर अपने परिवार के भरण-पोषण सहित विभिन्न आवश्यकता की पूर्ति कर चुका हूं। इसके पूर्व मैं देशी भैंस का पालन कर रहा था जिसमें मैं प्रति वर्ष 80 हजार से एक लाख रूपये तक आय अर्जित करता था। अब शासन की योजना से लाभान्वित होकर संपूर्ण ऋण राशि को मैं चुका दिया हूँ। अतः मैं अब कर्जमुक्त हो चुका हूं। मेरी इच्छा थी कि मैं भैंस खरीदकर दूध उत्पादन में वृद्धि कर अपना आमदनी के स्त्रोत मंे बढ़ोत्तरी कर सकूं, जो शासन के इस योजना से संभव हो सका है। पशु चिकित्सा विभाग द्वारा मुझे समय-समय पर मार्गदर्शन भी दिया जाता है और पशुधन स्वस्थ एवं निरोग रहे इसके लिए पशुओं की देखभाल संबंधी आवश्यक जानकारी प्रदान किया जाता है।