आपकी बात-मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ, सीएम ने दिया सवालों का जवाब
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज रेडियो पर प्रसारित अपनी मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 28वीं कड़ी में प्रदेशवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि
एंकर
- लोकवाणी की 28वीं कड़ी के प्रसारण के अवसर पर हम मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी और सभी श्रोताओं का स्वागत करते हैं, अभिनंदन करते हैं।
- यह प्रसारण ऐसे समय में हो रहा है जब वित्तीय वर्ष 2021-22 का समापन हुआ है और नए वित्तीय वर्ष 2022-23 की शुरुआत हो चुकी है।
- इस पृष्ठभूमि में लोकवाणी की यह कड़ी -'नवा छत्तीसगढ़, नवा बजट' पर केन्द्रित है।
- मुख्यमंत्री जी, हम सबको इंतजार है आपके आशीर्वचन का, प्रारंभिक उद्बोधन का।
मुख्यमंत्री जी का जवाब
- जम्मो सियान-जवान, दाई-दीदी, नोनी-बाबू मन ल जय जोहार। जय सियाराम।
- आप सब ल रामनवमी, डॉ. अम्बेडकर जयंती, महावीर जयंती, बैसाखी, हाटकेश्वर जयंती, श्रीमद् वल्लभाचार्य जयंती, ईद-उल- फितर के गाड़ा-गाड़ा बधाई।
- हमर छत्तीसगढ़ के प्राचीन नाम दक्षिण कोसल रिहिस।
- हमर छत्तीसगढ़ म भगवान राम ल भांचा माने जाथे।
- ते पायके हमन, छत्तीसगढ़ म माता कौशल्या, भगवान राम, सीता माता, लवकुश के चिन्हारी के सुरता हमेशा-हमेशा के लिए मजबूत करे बर, राम वन गमन पथ विकसित करत हन।
- मोर सपना हे, के भगवान राम छत्तीसगढ़ म जेन रद्दा ले होके गुजरे रिहिस, अउ मर्यादा पुरुषोत्तम कहाइस, वो रद्दा म हमर छत्तीसगढ़िया भाई-बहिनी मन चलय। वो रद्दा अइसन पर्यटन परिपथ बनय, जेमा चले बर दूसर राज्य के लोगन आवंय, दुनिया भर के लोगन आवंय, अउ ओ अनुभव ओकर जीवन के सबसे बड़े पंूजी बन जाए।
- राम वन गमन परिपथ म चलके हमर संस्कृति घलो मजबूत होही अउ आजीविका के नवा-नवा रद्दा घलोक खुलही।
- पाछू बछर हमन चंदखुरी, रायपुर म माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर के जीर्णोद्धार के काम पूरा करके, लोकार्पण करे रेहेन। ये बछर शिवरीनारायण धाम म करे गे जीर्णोद्धार अउ निर्माण कार्य के लोकार्पण करे हन। राम वन गमन परिपथ के काम सरलगहा चलत हे।
- कोरिया ले सुकमा जिला तक 2 हजार 660 किलोमीटर म राम वन गमन के चिन्हारी ल संजाए जाथे। प्रथम चरण म 9 जगह म विकास के बूता करे जाथे। ओमा दू जगह लोकार्पण करे गे हे। चंदखुरी अउ शिवरीनारायण म विकास कार्य के लोकार्पण बताथे के हमन मर्यादा पुरुषोत्तम राम के रद्दा म चलत हन। ''प्राण जाए पर वचन न जाए'' हमर सिद्धांत हे। जनता ल दिए वचन निभाए के खातिर हमर नेता मन घलो बलिदान दे हे। हर कीमत म हमन वादा पूरा करबो, ऐला जनता मन जानथे अउ मानथे।
एंकर
- मुख्यमंत्री जी, इस बार लोकवाणी का विषय छत्तीसगढ़ के नए बजट पर केन्द्रित है। वर्ष 2022-23 के लिए नया बजट आपने प्रस्तुत किया और छत्तीसगढ़ विधानसभा में यह बजट पारित हो चुका है।
- इस बजट के बारे में लोगों ने अपनी राय दी है। आइए सुनते हैं।
मुख्यमंत्री जी, जय जोहार, जय छत्तीसगढ़। मैं उमाकांत वर्मा, ग्राम-मलदा, जिला रायपुर से बोल रहा हूं। महोदय जी, आपने छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद अब तक का सबसे बड़ा बजट प्रस्तुत किया है। 1 लाख 12 हजार 603 करोड़ 40 लाख रुपए का बजट प्रस्तुत करने के लिए आप बधाई के पात्र हैं। मेरा मानना है कि इस तरह से छत्तीसगढ़ को 1 लाख करोड़ रुपए से अधिक के बजट वाले राज्यों के क्लब में शामिल होने का गौरव मिला है। मैं आपको कुशल नेतृत्व के लिए बधाई देता हूं कि आपके नेतृत्व में हम छत्तीसगढ़वासियों को ये सुअवसर प्राप्त हुआ है। धन्यवाद।
सर प्रणाम। मैं राजेश वासवानी, रायपुर से बोल रहा हूं और छत्तीसगढ़ चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स का भूतपूर्व उपाध्यक्ष हूं। वर्तमान में मैं व्यापारी संघ का महामंत्री हूं। सर, मैं आपकी कार्यशैली से बहुत प्रभावित हुआ हूं। आपके शासन काल में जितना प्रोग्रेस व्यापारियों ने किया है। इससे निश्चित रूप से व्यापारियों के अंदर एक उमंग है। मैंने आपका एक बजट देखा वर्ष 2022-23 का उसमें जो आपको राजस्व प्राप्त हो रहा है, 89 हजार 73 करोड़ रुपए और जो राजस्व का व्यय कर रहे हैं, वो 88 हजार 372 करोड़ रुपए आपने बताया है। इस हिसाब से 701 करोड़ रुपए का राजस्व बजट आधिक्य पेश किया है और सबसे बड़ी बात यह है कि आपने अपने बजट में कोई भी नया कर व्यापारियों के ऊपर नहीं लगाया है। कोरोना काल में देश और दुनिया के जो हालात हैं, उन्हें देखते हुए जो आपने बजट बनाया है, वो एक कल्पना से भी बाहर है। मैं अपने व्यापारियों की तरफ से आपको सबसे पहले धन्यवाद दूंगा कि आपने कोई कर्ज, किसी भी प्रकार का टैक्स व्यापारियों पर नहीं लगाया है, पर एक बात तो है सर, आपके हाथों में जादू की छड़ी मुझे दिख रही है कि आप सब ने यह कैसे कार्य किया। ये कोई सचमुच एक चमत्कार है। कृपया आप बताएं कि ये सब चीजें कैसे संभव हुईं।
मुख्यमंत्री जी, सादर नमस्कार। मैं ब्रजेश अग्रवाल, रायपुर से बोल रहा हूं। ऐसा माना जाता है कि राज्य सरकार के बजट में केन्द्र सरकार से मिलने वाली राशि का बहुत बड़ा हिस्सा होता है। क्या आपको केन्द्र से ऐसी कोई बड़ी राशि मिलने की संभावना दिखी है, जिसके आधार पर लाभ का बजट बनाया गया है। कृपया बताने का कष्ट करेंगे।
मुख्यमंत्री जी का जवाब
- उमाकांत जी, राजेश जी, ब्रजेश जी, जय जोहार, नमस्कार।
- आप सभी का धन्यवाद।
- निश्चित तौर पर छत्तीसगढ़ का बजट 1 लाख करोड़ के ऊपर पहुंचना, प्रत्येक छत्तीसगढ़वासी के लिए गौरव का विषय है।
- इसके लिए मैं आप सबको बधाई देता हूं।
- वास्तव में छत्तीसगढ़ की जनता ने जी-तोड़ मेहनत की हैै और अपने खून-पसीने से सींचकर राज्य के विकास के पौधे को एक फलदार वृक्ष के रूप में विकसित किया है।
- मैंने पहले भी अनेक बार कहा है कि हम अपने संसाधनों के सम्मान, वेल्यू-एडीशन, अपनी मेहनतकश जनता की लगन और मेहनत को सही मान और राज्य के उत्पादन को सही दाम दिलाते हुए आगे बढ़ेंगे।
- मैं कहना चाहता हूं कि हमारी इसी रणनीति के कारण छत्तीसगढ़ की आर्थिक स्थिति को सहारा मिला।
- जहां तक केन्द्र की मदद का सवाल है तो मैं यह गलतफहमी दूर करना चाहता हूं कि हमें केन्द्र से अधिक राशि मिली है या इस वर्ष मिलने का कोई आश्वासन है।
- एक जमाना था जब दिल्ली की यूपीए सरकार द्वारा प्रदेश को केन्द्र से अधिक राशि दी जाती थी, लेकिन तब भी हमारे प्रदेश में आधिक्य का बजट नहीं बना था।
- अब की स्थिति में तो हमारे बजट में राज्य और केन्द्र की राशि लगभग बराबर है।
- इसके अलावा जीएसटी से संबंधित समस्या और भी अधिक गहरा रही है। जीएसटी से राज्य को मिलने वाली राशि को लेकर परिस्थितियां काफी कठिन दिखाई पड़ती हैं। इसके बावजूद हमने अपने राज्य की कुशलता के आधार पर आधिक्य का बजट बनाया है।
- मैं कहना चाहता हूं कि हमारी सरकार ने आर्थिक मोर्चे पर छत्तीसगढ़ को जिस मुकाम पर पहुंचाया है, उस पर पूरे प्रदेशवासियों का सिर, सम्मान और गौरव से ऊंचा हुआ है। पुनः आप सबको बधाई।
एंकर
- मुख्यमंत्री जी, बजट को सामान्यतः लोग एक जटिल विषय मानते हैं। यह हमारा सौभाग्य है कि बजट की बारीकियों से आम जनता को अवगत कराने और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान करने के लिए लोकवाणी में आप सरल भाषा में लोगों को समझा रहे हैं, यह बहुत ही स्वागत योग्य है। आइए लेते हैं इस बारे में कुछ सवाल।
मुख्यमंत्री जी, सादर नमस्कार। मैं आम्रपाली सहारे, ग्राम-रणवीरपुर, जिला कबीरधाम से बोल रही हूं। मैं जानना चाहती हूं कि आपके नए बजट की प्राथमिकता क्या है? इसके अनुसार राज्य के किन लोगों को लाभ मिलेगा? क्या इससे अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़े वर्ग के लोगों को बराबरी में आने का अवसर मिलेगा? धन्यवाद महोदय।
मुख्यमंत्री जी का जवाब
- आम्रपाली जी, आपको भी नमस्कार।
- हमारे प्रदेश में अनुसूचित जनजाति तथा अनुसूचित जाति की आबादी लगभग 45 प्रतिशत है।
- ऐतिहासिक कारणों से इस आबादी को अधिक सहयोग, संरक्षण तथा सामाजिक, आर्थिक उत्थान की जरूरत है।
- मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हमारे बजट के कुल प्रावधान में 33 प्रतिशत राशि अनुसूचित जनजाति के लिए और 12 प्रतिशत राशि अनुसूचित जाति के लिए है।
- सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में देखें तो हमने 40 प्रतिशत प्रावधान आर्थिक क्षेत्र के लिए रखा है तो इसके करीब ही 37 प्रतिशत का प्रावधान सामाजिक क्षेत्र के लिए भी किया है।
- इसका मतलब यह हुआ कि एक ओर जहां हमने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या के अनुपात में बजट प्रावधान किया है, वहीं सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र को भी बराबर तवज्जो दी है। कृषि क्षेत्र को लेकर हमारी प्राथमिकता बहुत ही मुखर है।
- आपको पता है कि हमारी सरकार किसानों के हित के लिए बहुत आगे बढ़कर काम करने वाली सरकार है।
- इसलिए हमने कृषि बजट की अवधारणा पर भी काम किया है और वर्ष 2022-23 में कृषि बजट के लिए 20 हजार 405 करोड़ रुपए की राशि रखी है।
मुख्यमंत्री महोदय, सादर नमस्कार। मैं संजय जैन, मोहला, जिला राजनांदगांव से बोल रहा हूं। एक प्रश्न मेरे मन में बार-बार आता है। बीच-बीच में हमारे राज्य में ऋण की स्थिति को लेकर बहुत सारी बातें सुनने को मिलती हैं। वास्तविकता से अवगत कराएंगे। हम चाहते हैं कि एक बार आप विस्तार से समझा दीजिए कि छत्तीसगढ़ में कर्ज का भार वास्तव में कितना है? क्या इससे हमारे राज्य में किसी संकट का भविष्य में सामना करना पड़ सकता है? कृपया अवगत कराने का कष्ट करेंगे। धन्यवाद, जय हिन्द।
मुख्यमंत्री जी का जवाब
- संजय जी, नमस्कार।
- 17 दिसम्बर 2018 की स्थिति में हमें 41 हजार 695 करोड़ का ऋण भार विरासत में मिला था।
- हमारी सरकार बनने के बाद शुद्ध ऋण में वृद्धि 42 हजार 528 करोड़ है। इसके पीछे एक बड़ा कारण है कि भारत सरकार से जीएसटी क्षतिपूर्ति नहीं मिलने के कारण हमें जीएसटी ऋण लेने के लिए कहा गया, अगर हमें जीएसटी की राशि मिल जाती तो ऋण नहीं लेना पड़ता। इसमें वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 में भारत सरकार से प्राप्त जीएसटी ऋण 8 हजार 74 करोड़ तथा विशेष केन्द्रीय सहायता ऋण 568 करोड़ सहित कुल 8 हजार 642 करोड़ शामिल है। इसे कम करने पर सरकार द्वारा लिया गया शुद्ध ऋण केवल 33 हजार 886 करोड़ है।
- विगत 3 वर्षों में केन्द्र सरकार से केन्द्रीय करों में राज्य के हिस्से की राशि में 13 हजार 89 करोड़ की कमी तथा कोविड-19 आपदा के कारण राज्य के राजस्व में अपेक्षित वृद्धि नहीं भी एक बड़ा कारण है, जिससे हमें यह ऋण लेना पड़ा।
- हमने वर्ष 2021-22 में 8 हजार 71 करोड़ का शुद्ध ऋण लिया।
- वर्ष 2022-23 के बजट में इसे और भी कम करते हुए शुद्ध ऋण 7 हजार 100 करोड़ किया गया है। इस प्रकार ऋण लेना लगातार कम किया जा रहा है।
- हमने जो भी ऋण लिया है, उसका लाभ किसानों तथा जरूरतमंद परिवारों को मिल रहा है और लौटकर अर्थव्यस्था में आ रहा है। इस तरह से हमने एक ओर जहां धीरे-धीरे ऋण भार को कम करने में सफलता पाई है, वहीं दूसरी ओर जनहित के कार्यों को थमने नहीं दिया है।
माननीय मुख्यमंत्री जी, नमस्कार। मैं राहुल भाई पटेल, साथी हाथवाड़ा समूह-चिरमिरी, जिला कोरिया से बोल रहा हूं। महोदय हमने सुना था कि छत्तीसगढ़ में आपकी सरकार द्वारा पूंजीगत व्यय को लगातार कम किया जा रहा है। क्या यह सही बात है? क्या पूंजीगत व्यय कम होने से प्रदेश की अधोसंरचना के विकास के काम में रुकावट आएगी? कृपया बताने का कष्ट करेंगे।
माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब
- राहुल जी नमस्कार।
- यह सरासर गलत बात है।
- और इसे दो तरीकों से समझना चाहिए।
- पहली बात तो यह है कि वर्ष 2021-22 का पूंजीगत व्यय 14 हजार 191 करोड़ तथा वर्ष 2022-23 के बजट में 15 हजार 241 करोड़ रखा गया है। इस प्रकार पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि हो रही है।
- अब दूसरी बात को समझना ज्यादा जरूरी है।
- हमें सरकार चलाते हुए सिर्फ तीन साल हुए हैं।
- हमसे पहले जब सामान्य परिस्थितियां थीं, केन्द्र से राज्य के हक की राशि बराबर मिल रही थी, और कोरोना शुरू भी नहीं हुआ था तब भी प्रदेश के मुख्य बजट में पूंजीगत व्यय 15 हजार करोड़ के आसपास ही था। 15 साल का औसत तो और भी कम होगा।
- वैसे भी कोरोना संकट जैसी स्थिति में सरकार की प्राथमिकता दवा, उपचार की सुविधा बढ़ाना, अस्पतालों का विस्तार करना, रोजी-राहत का इंतजाम करना था, ऐसे समय की सबसे बड़ी प्राथमिकता राहत कार्यों की होती है। पूंजीगत व्यय की नहीं। फिर भी हमने संतुलन बनाए रखा।
- हमने बड़े जतन से काम किया और पूंजीगत व्यय को कम नहीं होने दिया।
- इसलिए आप विश्वास रखिए, हमारी सरकार जनहित और राज्य के विकास के लिए चट्टान की तरह मजबूती से काम कर रही है।
आदरणीय मुख्यमंत्री महोदय, नमस्कार। मैं डॉ. सूरज कुमार गोहिल, कोरबा से बोल रहा हूं। मेरा प्रश्न है कि छत्तीसगढ़ में वित्तीय घाटे को लेकर क्या स्थिति है? क्या यह एफआरबीएम एक्ट, फिजिकल रिस्पॉसबिलिटी एण्ड बजट मैनेजमेंट एक्ट की सीमा से ज्यादा है और क्या इसे लेकर कोई चिंता करने की जरूरत है? कृपया अवगत कराना चाहेंगे। धन्यवाद।
माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब
- डॉ. सूरज कुमार जी, नमस्कार।
- जब सरकार का फोकस आम जनता की भलाई पर होता है तो इस तरह की अफवाहें स्वार्थी तत्व उड़ाते हैं। ताकि लोगों को गुमराह कर वे अपना उल्लू सीधा कर सकें।
- लेकिन मैं ठोस तथ्य और आंकड़ों के साथ, ऐसी सभी अफवाहों का खंडन करता हूं। आपको यह जानकर अच्छा लगेगा कि एफआरबीएम एक्ट के मापदण्डों में भी हम खरे उतरे हैं।
- वर्ष 2021-22 में सकल वित्तीय घाटा 15 हजार 257 करोड़ था। वर्ष 2022-23 के लिए इसे कम करते हुए 14 हजार 600 करोड़ अनुमानित रखा गया है। इसमें 3 हजार 400 करोड़ 50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण की राशि शामिल है, जिसे कम करने पर यह घटकर 11 हजार 200 करोड़ होगा, जो वर्ष 2022-23 के लिए राज्य की जीएसडीपी का केवल 2.55 प्रतिशत होगा। यह एफआरबीएम एक्ट के अंतर्गत निर्धारित 3 प्रतिशत की सीमा से काफी कम है। अतः वित्तीय घाटा भी लगातार कम किया जा रहा है।
- मैं एक बार फिर कहता हूं कि जनता ने जिस विश्वास के साथ हमारे हाथों में सरकार की बागडोर सौंपी है, उस भरोसे पर खरे उतरने के लिए हम भरपूर मेहनत कर रहे हैं और उसकी सफलता आपके सामने है।
एंकर
- माननीय मुख्यमंत्री जी, आपने विगत तीन वर्षों में किसानों और ग्रामीणों का जीवन संवारने की दिशा में अनेक बड़े कदम उठाए हैं। नए बजट में वही सिलसिला बना रहेगा, अथवा कुछ योजनाएं बंद होंगी या नई योजनाओं की सौगात भी आपने दी है। इस संबंध में आइए सुनते हैं कुछ सवाल।
माननीय मुख्यमंत्री जी नमस्कार। मैं शुभम दास बघेल, ग्राम-जी जामगांव, जिला धमतरी से बोल रहा हूं। आपने दो साल पहले 'राजीव गांधी किसान न्याय योजना' शुरू की थी। यह योजना नए वित्तीय वर्ष में भी चालू रहेगी या नहीं? तथा इसके साथ ही किसानों के लिए और कौन-कौन सी नई योजना इस बजट के माध्यम से शुरू की जाएगी? बताने की कृपा करें। धन्यवाद।
माननीय मुख्यमंत्री जी, जय जोहार। मैं महेश कुमार बघेल, ग्राम-बरगई, विकासखण्ड-माकड़ी, जिला कोण्डागांव से बोल रहा हूं। महोदय जी, नए बजट में वन अंचल और ग्रामीण अंचल के विकास के लिए कौन-कौन से प्रावधान किए गए हैं? कृपया बताने का कष्ट करें। धन्यवाद।
माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब
- शुभम जी, महेश जी, जय जोहार, नमस्कार।
- बहुत अच्छा सवाल किया आपने।
- बजट भाषण में पूर्व प्रचलित योजनाओं का जिक्र प्रमुखता से नहीं हो पाता क्योंकि नई घोषणाओं को लेकर ज्यादा उत्सुकता होती है और बजट भाषण को एक सीमित समय में समेटना पड़ता है।
- इसका मतलब यह नहीं है कि जिन योजनाओं का उल्लेख नई योजनाओं के रूप में नहीं आया है, वे सारी योजनाएं बंद कर देंगे।
- आप बारीकी से देखें तो पाएंगे कि 'राजीव गांधी किसान न्याय योजना' के लिए हमने इस बार भी 6 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है। इसका मतलब यह है कि योजना चालू रहेगी।
- विगत दो वर्षों में इस योजना के माध्यम से 11 हजार 180 करोड़ रुपए की राशि दी गई है।
- बहुतों ने आशंकाएं उठाईं पर हम काम में लगे रहे और दोनों वर्ष वादा निभाया।
- आप विश्वास रखिए कि हम किसी भी हालत में अपने वायदे से पीछे हटने वाले नहीं हैं और जो काम शुरू किए हैं, उन्हें आगे भी जारी रखेगें ताकि धान के किसानों को विभिन्न योजनाओं के सहयोग से 2500 रुपए प्रति क्विंटल से कम दाम किसी भी सूरत में न मिले। बल्कि इसे कैसे बढ़ाया जाएगा, यह भी हम देख रहे हैं।
- गन्ना के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 271 से बढ़ाकर 355 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है।
- किसानों को उच्च गुणवत्ता के प्रमाणित बीज दिलाने के लिए 'कृषक समग्र विकास योजना' शुरू की जा रही है। जिसके लिए 123 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान है।
- 'चिराग परियोजना' के लिए 200 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया गया है।
- फल-फूल और सब्जी की खेती के लिए किसानों को अनुदान सहायता दी जाएगी।
- कृषि तथा उद्यानिकी फसलों के सुरक्षित भण्डारण के लिए इंटीग्रेटेड पैक हाउस की स्थापना की जाएगी।
- फसल बीमा योजना के लिए 575 करोड़ रुपए का प्रावधान बताता है कि किसानों की आर्थिक सुरक्षा के लिए हम पूरी तरह सतर्क हैं और हर स्थिति में किसानों के साथ खड़े रहेंगे।
- इसी तरह खाद्य सुरक्षा मिशन, ड्रिप और स्प्रिंकलर तथा कृषि उपकरणों के लिए 470 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- जहां तक ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने का सवाल है तो गौठानों को महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित करने का संकल्प भी हम पूरा करने जा रहे हैं। यहां बुनियादी अधोसंरचना के लिए 600 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
एंकर
- माननीय मुख्यमंत्री जी, आपने इस बजट में युवाओं के लिए ही नहीं बल्कि सभी वर्गों के लिए बड़े-बड़े प्रावधान रखे हैं। आइए सुनते हैं कुछ विचार।
- माननीय मुख्यमंत्री जी प्रणाम। मैं पवन दास मानिकपुरी ग्राम-झलप, जिला महासमुन्द से बोल रहा हूं। महोदय हम सरकारी नौकरी करने वालों का रिटायरमेंट के बाद का समय पेंशन पर ही निर्भर होता है। हमें लगता था कि हमारे साथ नई पेंशन योजना के रूप में जो अन्याय हुआ है, वह कभी खत्म नहीं होगा। लेकिन आपने पुरानी पेंशन योजना बहाल करके एक तरह से नई उम्मीद जगा दी है। भावी चिंताओं से मुक्त कर दिया है। इससे हमारे निजी जीवन के अलावा परिवार की सुख-शांति में वृद्धि तथा मदद मिलेगी। धन्यवाद महोदय।
- माननीय मुख्यमंत्री जी प्रणाम। मैं टिकेश साहू, ग्राम-मोवा, जिला रायपुर से बोल रहा हूं। पढ़ाई और परीक्षा की तैयारी, मध्यम तथा निम्न आय वर्ग के परिवारों के लिए बहुत भारी पड़ती है। परीक्षा फीस के नाम पर हमें चुनना पड़ता था कि कौन सी परीक्षा दें और कौन सी परीक्षा न दें। इससे हमारे अवसर कम होते जाते थे लेकिन आपने पीएससी और व्यापम का परीक्षा शुल्क माफ करके हमारी बहुत बड़ी मदद की है। एक तरह से हमारे स्वाभिमान की रक्षा की है, हमारे परिवार की रक्षा की है। इसके लिए हम आजीवन आपके आभारी रहेंगे। धन्यवाद।
- माननीय मुख्यमंत्री जी, जय जोहार। मैं श्रीमती रंजना जायसवाल, ग्राम-कुरूवा, जिला सूरजपुर, छत्तीसगढ़ से बोल रही हूं। आपने जनप्रतिनिधियों का मानदेय और विकास निधि बढ़ाने की घोषणा की है। इसका क्या लाभ होगा? महोदय कृपया बताने का कष्ट करेंगे। धन्यवाद।
माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब
- पवन, टिकेश एवं रंजना जी, नमस्कार।
- हम एक जनकल्याणकारी सरकार हैं। अतः यह हमारी जिम्मेदारी है कि समाज के जिस वर्ग के विकास में जिस स्तर पर रुकावट आ रही है, उसे दूर किया जाए।
- बहुत सारी समस्याएं सामाजिक होती हैं तो बहुत सारी समस्याएं आर्थिक भी होती हैं।
- मेरा यह मानना है कि समाज के हर वर्ग को आर्थिक स्वावलंबन की ओर बढ़ाना हमारा कर्त्तव्य है क्योंकि आर्थिक स्वावलंबन से व्यक्ति अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा और अपने विकास के रास्ते स्वयं बनाने लगता है। मैंने बजट में यह घोषणा की है कि पीएससी तथा व्यापम अब अपने परीक्षार्थियों से परीक्षा शुल्क नहीं लेगा।
- बजट के बाद भी एक नई घोषणा करते हुए हमने विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से होने वाली परीक्षाओं में भी परीक्षा शुल्क माफ कर दिया है।
- इस तरह हम युवाओं की मदद के लिए एक कदम और आगे बढ़े हैं।
- अब इस बात को व्यापक रूप में भी देखिए। आदिवासी अंचलों में देवस्थलों पर पूजा करने वाले, मांझी, बैगा, गुनिया, पुजारी से लेकर हाट पाहर्या, बाजा मोहरिया आदि लोगों को 'राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना' से जोड़ने की घोषणा की गई है।
- इस योजना के सभी पात्र हितग्राहियों को मिलने वाली वार्षिक सहायता राशि 6 हजार से बढ़ाकर 7 हजार रुपए कर दी गई है।
- कुंभकार परिवारों को विद्युत चाक का वितरण किया जाएगा।
- शासकीय अधिवक्ताओं के मानदेय में वृद्धि का प्रावधान किया गया है।
- विधायक निधि की राशि 2 करोड़ से बढ़ाकर 4 करोड़ की गई है।
- जिला पंचायत अध्यक्षों का मानदेय 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार, जिला पंचायत उपाध्यक्षों का मानदेय 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार एवं जिला पंचायत सदस्यों का मानदेय 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार प्रतिमाह किया गया है।
- जनपद पंचायत अध्यक्षों का मानदेय 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार, जनपद पंचायत उपाध्यक्षों का मानदेय 4 हजार से बढ़ाकर 6 हजार एवं जनपद पंचायत सदस्यों का मानदेय 1 हजार 500 से बढ़ाकर 5 हजार प्रतिमाह किया गया है।
- सरपंचों का भत्ता 2 हजार से बढ़ाकर 4 हजार एवं पंचों का भत्ता 200 से बढ़ाकर 500 रुपए प्रतिमाह किया गया है।
- विकास निधि में जिला पंचायत अध्यक्षों को 15 लाख, उपाध्यक्षों हेतु 10 लाख एवं सदस्यों हेतु 4 लाख रुपए प्रतिवर्ष के मान से देने का प्रावधान किया गया है।
- जनपद पंचायत अध्यक्षों को 5 लाख, उपाध्यक्षों को 3 लाख एवं सदस्यों को 2 लाख रुपए प्रतिवर्ष के मान से विकाास निधि के रूप में देने का भी प्रावधान किया गया है।
- इसी तरह महापौर, सभापति, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और पार्षदों का मानदेय दोगुना करने के साथ विकास निधि को डेढ़ गुना बढ़ाया जाएगा।
- इस तरह हमने विधायकों से लेकर त्रिस्तरीय पंचायत राज संस्थाओं को अपनी जिम्मेदारियां बेहतर ढंग से निभाने के लिए बड़े क्रांतिकारी प्रावधान किए हैं। जनप्रतिनिधियों को सक्षम बनाने पर वे अधिक कुशलता और लगन से काम करेंगे।
- इतना ही नहीं, ग्राम पंचायतों को और सशक्त बनाने के लिए अधिसूचित क्षेत्रों में रेत खदानों का संचालन पंचायतों द्वारा किए जाने का प्रावधान भी किया गया है।
- माननीय मुख्यमंत्री जी, नमस्कार। मैं मदन तिर्की, जिला जशपुर से बोल रहा हूं। छत्तीसगढ़ के स्थानीय युवाओं के साथ ही वन क्षेत्रों, ग्रामीण अंचलों में भी आपने रोजगार को लेकर बड़े-बड़े कदम उठाए हैं। वर्ष 2022-23 के बजट में ऐसे कौन से उल्लेखनीय प्रावधान किए हैं? कृपया बताने का कष्ट करेंगे। धन्यवाद महोदय।
माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाव
- मदन जी, नमस्कार।
- बस्तर संभाग के जिलों में नारंगी वन क्षेत्र में से 30 हजार 439 हेक्टेयर भूमि राजस्व मद में वापस दर्ज की गई है। हमारे इस कदम से वहां के निवासियों को कृषि एवं व्यवसाय हेतु पट्टे दिए जा सकेंगे। नए उद्योगों की स्थापना की जा सकेगी। सरकारी भवनों के निर्माण, सड़क एवं रेलमार्ग का विकास तथा अन्य कार्यों के लिए भी सरलता से भूमि मिल सकेगी।
- रैली ककून के संग्रहण, धागा उत्पादन, विपणन आदि व्यवस्थाओं के लिए मुख्यमंत्री रेशम मिशन की शुरुआत की जाएगी।
- गौठान को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करने, प्रत्येक नगरीय निकाय क्षेत्र में सी-मार्ट की स्थापना करने, महिला स्व-सहायता समूहों को बढ़ावा देने, अधोसंरचना विकास के विभिन्न कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए भरपूर प्रावधान हमने किए हैं।
- 65 वनोपजों का समर्थन मूल्य पर क्रय, कैम्पा मद का उपयोग, वन प्रबंधन समितियों की भागीदारी आदि से वन क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- महात्मा गांधी नरेगा, मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना, उत्थान परियोजना, मिलाप परियोजना आदि से ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के नए साधन विकसित होंगे।
- जहां तक नौकरी का सवाल है, नए जिलों के लिए 1 हजार 100 पद, नई तहसीलों और अनुविभागों के लिए 161 पद, नई पुलिस चौकियों तथा थानों के लिए 350 पद, बिलासपुर तथा जगदलपुर एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए 114 पद स्वीकृत किए गए हैं।
- स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 2 वर्षों में 2 हजार 409 पदों पर भर्ती की जा चुकी है और 195 नए पद सृजित किए गए हैं। जरूरत अनुसार इसे बढ़ाया भी जाएगा।
- इसके अतिरिक्त बस्तर संभाग में सहायक आरक्षकों को वेतन भत्ते, पदोन्नति आदि का लाभ देने के लिए डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक्ट फोर्स नामक नवीन कैडर के गठन से युवाओं को लाभ होगा।
एंकर
- माननीय मुख्यमंत्री जी, आगामी बजट से प्रदेश में जन-उपयोगी अधोसंरचना के विकास की क्या स्थिति बनेगी, इसे लेकर हमारे कुछ श्रोताओं ने अपने विचार व्यक्त किए हैं।
- आदरणीय मुख्यमंत्री जी नमस्कार, जय जोहार। मैं भारती ताम्रकार, मुंगेली से बोल रही हूं। बजट में आपने श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, मोर-जमीन, मोर-मकान तथा मोर-मकान, मोर-चिन्हारी योजना के विस्तार की घोषणा की है। इसका बहुत लाभ आम जनता को मिलेगा। इसके लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद महोदय। अधोसंरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्रों में और क्या नया काम इस बजट के माध्यम से होगा। कृपया बताने का कष्ट करें। धन्यवाद।
माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब
- भारती जी, जय जोहार।
- जनता की मांग को देखते हुए हमने मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के लिए 150 करोड़ का बजट प्रावधान किया है।
- ताकि स्कूल, अस्पताल, आंगनवाड़ी जैसे सरकारी भवनों को पक्की सड़कों से जोड़ा जा सके और इसका लाभ जल्दी से जल्दी जनता को मिले।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना तथा लोक निर्माण विभाग की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से करोड़ों रुपए लागत की सड़कें बनाई जाएंगी। नक्सल प्रभावित अंचलों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
- दूरस्थ आदिवासी अंचल जगरगुंडा, जिला सुकमा सहित 3 स्थानों पर 90 बिस्तर के अस्पतालों की स्थापना की जाएगी।
- अम्बिकापुर, कांकेर तथा रायपुर के मेडिकल कॉलेजों में सुविधाओं के उन्नयन हेतु प्रावधान किए गए हैं।
- इसी तरह शिक्षा के क्षेत्र में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय खोलने के अलावा 80 से अधिक शालाओं का दर्जा बढ़ाया जाएगा। 100 से अधिक शालाओं में सुविधाओं का उन्नयन किया जाएगा।
- उच्च शिक्षा के लिए भी कई नए प्रावधान किए गए हैं। जैसे जगदलपुर जिला बस्तर, बासीन जिला बालोद, माकड़ी जिला कोण्डागांव में शासकीय महाविद्यालय एवं मुंगेली में शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना के लिए बजट प्रावधान है।
- शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर नवीन संकाय तथा 23 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन संकाय खोलने हेतु बजट प्रावधान है।
- भवन विहीन 18 सरकारी कॉलेजों के लिए नवीन भवन का निर्माण तथा 22 कॉलेजों में अतिरिक्त कमरों का निर्माण तथा शासकीय महाविद्यालय सीतापुर, जिला सरगुजा में ऑडिटोरियम का निर्माण किया जाएगा।
- शासकीय महाविद्यालय पखांजूर में कन्या एवं बालक छात्रावास की स्थापना एवं भवन निर्माण के लिए 2 करोड़ 30 लाख का प्रावधान है।
- प्रिय श्रोताओं, हमारा नया बजट, नए छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा तय करने वाला है। प्रदेश की खुशहाली में जनभागीदारी की सर्वाधिक भूमिका रहे। प्रदेश की समृद्धि में प्रत्येक छत्तीसगढ़वासी की भागीदारी रहे। यह हम सुनिश्चित करेंगे।
धन्यवाद!
जय हिन्द, जय छत्तीसगढ़
एंकर
- श्रोताओं, लोकवाणी का आगामी प्रसारण 15 मई, 2022 को होगा, जिसमें माननीय मुख्यमंत्री जी 'पर्यटन विकास, संभावनाएं और प्रयास' विषय पर चर्चा करेंगे। आप इस विषय पर अपने विचार, सुझाव और सवाल दिनांक 26, 27 और 28 अप्रैल, 2022 को दिन में 3 बजे से 4 बजे के बीच फोन करके रिकार्ड करा सकते हैं। फोन नम्बर इस प्रकार हैं। 0771-4003482, 4003483 और 4003484।