तूने चखा है अभी थोड़ा मजा, आगे-आगे देखे जा तू कि होता है क्या
ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव
बिहार के मंत्री नितिन नबीन छग भाजपा के प्रभारी हैं, छग भाजपा में उनकी दखल में कोई कमी नहीं है। मजे कि बात यह है कि छग मे भाजपा की सरकार है और वो खुद बिहार के मंत्री भी है। राजनीति उनको विरासत में मिली है। इसलिए उनको यहां काम करने में कोई दिक्कत नहीं है। वे भाजपा को यहां मजबूत करने जमकर मेहनत कर रहे हैं वातावरण भी अनुकूल मिला है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने बिहारी मूल के भिलाई विधायक देवेंद्र यादव को बिहार का प्रभारी नियुक्त किय़ा है। नितिन नबीन तो खुले आम घूम रहे हैं और देवेंद्र यादव कोयला घोटाले के आरोप में जेल में बंद हैं। जनता में खुसुर-फुसुर है कि छग में नितिन नबीन भाजपा को मजबूत कर लेंगे लेकिन जेल में बंद देवेंद्र यादव बिहार में क्या गुल खिलाएंगे। न तो वहां कांग्रेस की सरकार है और न ही कांग्रेस वहां मजबूत स्थिति मे है। देखना है आगे होगा क्या, ये तो आने वाला वक्त बताएगा। इसी बात पर किसी ने ठीक ही कहा है तूने चखा है अभी थोड़ा मजा., आगे -आगे देखे जा तू कि होता है क्या।
भ्रष्टाचार को हक घोषित करें सरकार
प्रदेश के सरकारी दफ्तरों में अजीब दस्तूर का खात्मा नहीं हो पा रहा है। सरकार किसी भी पार्टी की हो अधिकारी औऱ कर्मचारी भ्रष्टाचार को शिष्टाचार मानते है। कोई भी काम बिना लेन-देन के करने उन्हें शर्म महसूस होती है। इसलिए आंख मूंद कर रिश्वत लेते हैं। उन्हें पकड़े जाने का भी डर नहीं है। ताजा मामले पर नजर डालें तो रिश्वतखोरों को पकड़ते-पकड़ते एसीबी वाले भी हलाकान हो गए हैं। उनको भी समझ नहीं आ रहा है कि किसे पकड़ें औऱ किसे छोड़ें। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने चार जिलों में एक साथ कार्रवाई की। इस दौरान रिश्वत के साथ पांच अधिकारियों-कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। जीपीएम में लोकपाल, कवर्धा में सहायक लेखाधिकारी, महासमुंद में महिला उप पंजीयक व सहयोगी और रायगढ़ में शिक्षा विभाग के बाबू को दबोचा गया है। बिलासपुर की एसीबी इकाई ने जीपीएम (गौरेला पेंड्रा-मरवाही) जिले के गौरेला जनपद पंचायत में पदस्थ लोकपाल वेद प्रकाश पांडेय को 25 हजार की रिश्वत के साथ पकड़ा। यहां पदस्थ कार्यक्रम अधिकारी रोशन शराफ ने शिकायत की थी। अमृत सरोवर निर्माण कार्य में अनियमितता की जांच कर रहे लोकपाल ने रिश्वत मांगी थी। जनता में खुसुर-फुसुर है कि सरकार को सरकारी कर्मचारियों को वेतन बंद कर देना चाहिए उन्हें काम के बदले नजराना पाने का हक दे देना चाहिए। ताकि सरकारी कर्मचारिय़ों को दिए जाने वाले वेतन की राशि को उस जगह खर्च करना चाहिए जहां किसी को भी पैसा नहीं लगे सरकारी कर्मचारी अपने मेहनताने की राशि उस उसी फंड से निकले लें।
लोहा नहीं सीमेंट गरम ....
मौसम के हिसाब से हमारे यहां वातावरण में परिवर्तन होते है। कभी गरम तो कभी बारिश तो कभी ठंड में कांपने लगते है। लेकिन निर्माण सामग्री की तासिर पिछले दो साल इतने बार बदली कि लोगों के अपना खुद के घर बनाने का सपना आज तक पूरा नहीं हो सका। औऱ न ही पीएम आवास का लाभ मिल सका। सीमेंट कंपनियों की ओर से साल में चौथी बार कीमत बढ़ाने की घोषणा की गई है। तीन बार कंपनियों ने बढ़ाई गई कीमतें वापस ली हैं। मांग के अभाव में सरिया सहित दूसरे भवन निर्माण सामग्री के दाम स्थिर बने हुए हैं। सिरया तो सुस्त पड़ा है पर सीमेंट उछाल पर उछाल मार रहा है। जो आम जनता के जेब से बाहर हो गया है। सीमेंट कंपनियों की ओर कीमत बढ़ाए जाने पर शुरू हुए सियासी संग्राम से इस बात की उम्मीद भी जाग रही है कि चौथी बार भी बढ़ी हुई कीमतों की घोषणा वापस ली जाएगी। सीमेंट की कीमत में हुई बढ़ोतरी को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही हमलावर हैं। जनता में खुसुर-फुसुर है कि ये तो इनका ही किया धरा है। ये नूरा कुश्ती दिखा कर लोगों का इंटरटेनमेंट कर रहे हृै ताकि घर बनाने के सपने बाहर नहीं आ सके।
अग्निवीर टाइप एसआई बना दे...
गलती से भी एसआई परीक्षा का परिणाम घोषित हो जाए और पास होकर एसआई बन गए तो पुराना बोझ नहीं उठा नहीं पाएंगे इसलिए एसआई परीक्षा के अभ्यर्थियों ने पहले ही सिर मुंडवा लिय़ा है। सिर मुंडवाने वाले को पक्का विश्वास है कि सरकार जल्द ही परिणाम घोषित कर सकती है। विशुद्ध गांधी गिरी दिखाते हुए सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा 2018 का परिणाम जारी नहीं होने से नाराज अभ्यर्थियों ने अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। रायपुर के तेलीबांधा तालाब के पास अभ्यर्थियों ने सामूहिक मुंडन कराया है। कुछ बाहर गप मार रहे अभ्यर्थियों की मांग है कि राज्य सरकार जल्द से जल्द उनका रिजल्ट घोषित करे या हमें सीधे एसआई बना दे। ताकि खर्चा पानी मिलता रहे।
अभ्यर्थियों का कहना है कि वे गृहमंत्री से मिलने के बाद ही प्रदर्शन खत्म करेंगे, और अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो महिला अभ्यर्थी भी मुंडन कराएंगी। इसके अलावा अभ्यर्थी आमरण अनशन और अलग-अलग तरीकों से प्रदर्शन जारी रखेंगे। विरोध प्रदर्शन से सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि सरकार को भी अग्निवीर टाइप एसआई बना देना चाहिए और दो साल तक सिर मुंडवाई का हरजाना वसूली का हक दे देना चाहिए ।
समय बलवान होता है....
पिछले दिनों पूर्व सीएम भूपेश बघेल विधायक देवेंद्र यादव से मिलने सेंट्रल जेल पहुंचे थे। उसी दौरान अपने खास सिपहसालार सूर्यकांत तिवारी से मिलने की इच्छा जताई और जेल अधीक्षक से गुहार लगाई । इस पर सेंट्रल जेल अधीक्षक ने नियमों का हवाला और ऊपर से आदेश नहीं होने का हवाला देकर मिलवाने से इनकार कर दिया. भूपेश बघेल का गुस्सा सातवें आसमान पर था, बाहृर आकर पत्रकारों चर्चा करते हुए काफी नाराजगी जाहिर की। नाराजगी हो भी क्यों न हो, कल जो अधिकारी उनके सामने बैठने की हिम्मत नहीं करते थे, वहीं अधिकारी आज उनको नियम बताकर जेल से बाहर कर दिया। जनता में खुसुर-फुसुर है कि कका समय बलवान होथे, कइसे करबो काली जुआर तहुं वो मन ल खेदारबे ।
शाबास सीएम साहब ....
जनता ने जिस विश्वास के साथ भाजपा औऱ विष्णुदेव साय को जीताया था, उसका असर 9 महीने बाद दिखाई दिया है। पिछले कुछ दिनों से लोग बोलने लगे थे कि सरकार बहुत ढीला काम कर रही है। ब्य़ूरोक्रेट सरकार पर हावी हो गया है। पर गुरुवार को सीएम ने जो तेवर दिखाया उससे साफ जाहिर हो गया कि ये बाते बनावटी निर्मूल है, लगाम आज भी विष्णु के पास है किसी अर्जुन और यधिष्ठीर के हाथों में नहीं है। सीएम के तेवर को देखकर अधिकारी सहमे हुए थे, और काना फूसी भी कर रहे थे कि ये वही विष्णुदेव साय है या स्वयं विष्णुजी है या और कोई दूसरे है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि कल सीएम के तेवर को देखते हुए पूर्व सीएम स्वर्गीय अजीत जोगी की बात याद आ गई जिसमें उन्होंने ब्यूरोक्रेट को घोड़ा और नेता को घुड़सवार कहा था। और यह भी बोला था कि घोड़े को काबू में करने के लिए घुड़सवार को मजबूती से लगाम पकडऩा चाहिए, वरना घोड़ा गिराने में देरी नहीं करेगा।