छत्तीसगढ़

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) से बरसों का घर का सपना हुआ साकार

Nilmani Pal
23 Nov 2024 10:29 AM GMT
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) से बरसों का घर का सपना हुआ साकार
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दुर्ग। ये कहानी है वर्षों से कच्चे मकान की दीवारों के बीच सिमटे रहने वाले अमर की जो अब अपने पक्के घर में खुशहाली से अपना जीवन बीता रहे हैं। अमर केे पिता का रामाधार ग्राम पंचायत मोहलई ब्लाक धमधा के निवासी है। वह एक साधारण किसान है जो कई वर्षाे से कच्चे मकान में रहते थे। वे हमेशा से अपने परिवार के लिए एक पक्का घर बनाने का सपना देखते थे। लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से यह सपना अधूरा ही रह गया था। समय बीतने पर अमर की भी शादी के बाद रहने की समस्या थी। आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण वह अपना घर नही बनवा पा रहा था।

अमर सिंह बताते है मेरा कच्ची दीवार वाला अत्यंत पुराना घर था, जिसके उपर पन्नी तान कर गुजर-बसर चल रहा था, बरसात के दिनों में तो हालात और भी बदतर हो जाते थे। छत से टपकता पानी, मिट्टी का फर्श और चारों तरफ कीचड़, ये सब मेरी जीवन की यादें बन गए थे। तब प्रधान मंत्री आवास योजना से मुझे मेरी समस्या का समाधान का हल मिला। योजना से मेरे पिता का सपना साकार हुआ। अंकित को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रा.) वर्ष 2020-21 के तहत् आवास स्वीकृत होने की सूचना मिली।

योजना के तहत उन्हें 1.20 लाख की राशि की स्वीकृति मिली। महात्मा गांधी नरेगा के 90 दिवस का रोजगार भी प्राप्त हुआ। साथ ही शासन की उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेण्डर का लाभ मिला। कुछ दिनों बाद उनके बैंक बचत खाते में पीएम आवास योजना के तहत् प्रथम किश्त की राशि 25 हजार रूपए, द्वितीय किश्त 40 हजार रूपए, तृतीय किश्त की राशि 40 हजार रूपए और अंतिम 15 हजार की राशि खाते में जमा हो गयी थी। अमर सिंह खुशी जाहिर करते हुए बताते है देखते ही देखते मेरा अच्छा पक्का मकान बन कर तैयार हो गया। हम परिवार सहित अब उसी आवास में प्रसन्नता पूर्वक निवास कर रहे है। मैं शासन का बहुत शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मुझ जैसे गरीब के बारे मे सोचा और आवास बनवाने के लिए धन राशि सीधे मेरे खाते मे उपलब्ध करा कर मेरी अंधेरी जिन्दगी में रौशनी लाने का काम किया।

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