छत्तीसगढ़

लोक साहित्य को लिपिबद्ध करने साहित्यकारों ने दिखाई एकजुटता

Shantanu Roy
28 Jan 2023 4:51 PM GMT
लोक साहित्य को लिपिबद्ध करने साहित्यकारों ने दिखाई एकजुटता
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छग
रायपुर। साइंस कॉलेज परिसर में स्थित ऑडिटोरियम में 28 से 30 जनवरी तक आयोजित राज्यस्तरीय युवा महोत्सव में छत्तीसगढ़ी साहित्य सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ी साहित्य सम्मेलन का शुभारंभ संचालक संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग विवेक आचार्य ने दीप प्रज्ज्वलित और राजगीत के साथ किया। इस अवसर पर साहित्यकार रामेश्वर वैष्णव ने उपस्थित साहित्यकारों को सम्बोधित कर अपना अनुभव साझा किया। साहित्य सम्मेलन प्रथम सत्र छत्तीसगढ़ के लोक साहित्य के उन्नयन में युवाओं की भूमिका विषय पर आधारित था। इसमें पांच प्रतिभागियों ने अपनी सहभागिता निभाई। सम्मलेन में डॉ. पी. सी. लाल यादव गंडई-पंडरिया, सरला शर्मा भिलाई-दुर्ग, डॉ. अनिल कुमार भतपहरी रायपुर, चंद्रशेखर चकोर रायपुर और सुदामा गुप्ता सरगुजा के लोक साहित्यकार शामिल हुए। इसी तरह दूसरे सत्र में 7 साहित्यकारों ने भाग लिया। जिसमें डॉ. सुधीर पाठक सरगुजा, कुसुम माधुरी टोप्पो जशपुर, रूद्र नारायण पाणिग्रही जगदलपुर, अरुण कुमार निगम दुर्ग, शकुंतला तरार रायपुर और डॉ. सुधा वर्मा रायपुर के साहित्यिकार शामिल हुए। छत्तीसगढ़ लोक साहित्य सम्मेलन का दूसरा सत्र छत्तीसगढ़ के आंचलिक साहित्य में युवाओं की भूमिका विषय पर आधारित रहा।
छत्तीसगढ़ साहित्य सम्मेलन में आए प्रतिभागियों ने कहा कि वर्तमान में समकालीन पृष्ठभूमि को लेकर साहित्य की रचनाएं की जा रही है। सरगुजिया, बस्तरिया और मैदानी क्षेत्र के युवक-युवतियों द्वारा छत्तीसगढ़ी के साथ-साथ सरगुजिया,हल्बी,गोंड़ी,सादरी भतरी सहित अन्य बोली में भी रचनाएं सृजन की जा रही है। उन्होंने बताया कि पूर्व में यह छत्तीसगढ़ी साहित्य श्रुति साहित्य के रूप में थी जिन्हें आज लिपिबद्ध करके संरक्षित किया जा रहा है। इसके परिणाम स्वरूप वर्तमान में सोशल मीडिया में आकर छंद-पद्य पर आधारित अपनी रचनाएं एक ही मंच पर साझा कर रहे हैं। जिससे युवा साहित्यकार आपस में एक दूसरे से भलीभांति रूप से परिचित हो रहे हैं। साहित्यकारों ने राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य भाषा आयोग का गठन किया गया। अब इसका विस्तार जिला स्तर पर भी किया जा चुका है। जिसकी परिणाम स्वरूप स्थानीय साहित्यकार भी आपस में अपनी रचनाएं साझा कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ी लोक साहित्य सम्मेलन के पहले सत्र में सत्राध्यक्ष डॉ. चितरंजन कर और संचालन डॉ. जितेंद्र शर्मा कर थे। इसी तरह द्वितीय सत्र के सत्राध्यक्ष डॉ. सत्यभामा ऑडिल रायपुर और संचालन राजेश गनोदवाले थे। इस अवसर पर राज्यभाषा आयोग के सचिव अनिल कुमार भतपहरी ने साहित्यकारों को सम्मानित किया।
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