दुर्ग: अगहन मास में भगवान लक्ष्मीनारायण जी के मंदिर में अगहन बृहस्पति चारों पूजा उत्सव मनाया गया । मंदिर में सुबह से महिलाऐं अपने घर में पूजा कर सामुहिक पूजा उत्सव मंदिर में प्रतिष्ठित मॉ लक्ष्मी जी की मूर्ति के पास स्थापित कलष धान की बाली, कांदा आदि की सामूहिक पूजा कर कथा वाचन ''हुँकार'' अनिवार्य रूप से देकर भोग लगाती है। मंदिर परिसर में माँ लक्ष्मी जी के पद चिन्ह का छुही से चौंक पूरकर रंगोली बनाकर दीप प्रज्जवलित करते हैं। मंदिर समिति के लतारानी लाल जे.के.वैष्णव ने जानकारी दी कि अगहन मास में प्रतिवर्षानुसार भगवान श्री लक्ष्मीनारायण जी के भोग लगाकर प्रसाद वितरण भंडारा का आयोजन किया जाता है, बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस वर्ष भी भंडारा में षामिल होकर प्रसाद ग्रहण किये । वैष्णव सेवा संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष लाल जे.के.वैष्णव ने बताया कि छत्तीसगढ़ के प्रमुख तीज त्यौहारों को सामूहिक पूजा उत्सव रानी मंदिर में मनाकर हर्षोल्लास से आने वाली पीढ़ी को धार्मिक सांस्कृतिक चेतना का अलख जगाकर बच्चों को अवष्य ही शामिल किया जाता है एवं भक्तिगीत, भजन मंडली, रामायण मंडली द्वारा प्रस्तुति प्रदान की जाती है।