छत्तीसगढ़

सुदूर वनांचल करमरी में हुआ विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन

Nilmani Pal
18 Aug 2023 7:57 AM GMT
सुदूर वनांचल करमरी में हुआ विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन
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राजनांदगांव। मोहला मानपुर एवं अंबागढ़ चैकी जिले के अंतर्गत महाराष्ट्र सीमा पर स्थित मोहला विकासखण्ड के सुदूर वनांचल के ग्राम करमरी में रविवार 13 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जनपद अध्यक्ष मानपुर दिनेश शाह मण्डावी उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता गोण्डवाना समाज केंद्र वासड़ी केेे अध्यक्ष विष्णु पद्माकर ने किया।

कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त सीईओ जिला पंचायत गोंदिया महाराष्ट्र, राजकुमार पुराम, गोण्डवाना समाज के अधिकारी-कर्मचारी प्रकोष्ठ के संभागीय अध्यक्ष चंदे्रश कुमार ठाकुर, संभागीय सचिव कुमार कोरेटी, ब्लाॅक अध्यक्ष कोटगुल महाराष्ट्र गोंविद टेकाम, ब्लाॅक अध्यक्ष ईस्तारी बाबूराव हिड़को, युवा प्रभाग के संभागीय अध्यक्ष अंगद सलामे, अरूण कौशिक, अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक संघ के जिला अध्यक्ष अरविंद गोटे, पटवारी संघ के जिला अध्यक्ष लखन सोरी, लालसाय पडौटी, पवन तुलावे, सखाराम आचला, पालेंद्र हारमे, संतोष निरोटी, राम नूरेशिया, कांसीराम बोगा एवं दामेसाय पदमाकर सहित अन्य अतिथिगण उपस्थित थे। इस अवसर पर समाज प्रमुखों एवं वक्ताओं ने मणिपुर राज्य में आदिवासी महिलाओं के साथ अभी हाल मे ही हुए घटनाओं पर तीव्र आक्रोश व्यक्त करते हुए इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने वर्तमान समय को संक्रमण कालीन समय बताते हुए निरंतर सजग और संगठित होकर अपने अधिकारों के लिए संघष करने की अपील की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि दिनेश शाह मण्डावी ने ग्राम करमरी में विश्व आदिवासी दिवस समारोह के आयोजन की सराहना की। उन्होंने सभी स्वजाति जनों को विश्व आदिवासी दिवस समारोह की बधाई एवं शुभकामनाएं भी दी। कार्यक्रम की अध्यक्ष विष्णु पद्माकर ने ग्राम करमरी जैसे सुदूर वनांचल के गांव में बड़ी संख्या में अतिथि एवं स्वजाति जनों की उपस्थिति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया। विशेष अतिथि राजकुमार पुराम ने वर्तमान समय को आदिवासियों के लिए कठिन एवं चुनौतीपूर्ण बताते हुए निरंतर सजग एवं चैकन्ना रहकर अपने अधिकारों की प्राप्ति के लिए सदैव प्रयासरत रहने को कहा।

अधिकारी-कर्मचारी प्रकोष्ठ के संभागीय अध्यक्ष चंदे्रश ठाकुर ने कहा कि जब भी राष्ट्र और समाज के ऊपर विपत्ति आयी है, आदिवासी समाज के द्वारा अपना सर्वस्व न्यौछावर कर उनका डटकर मुकाबला किया है। उन्होंने कहा कि चाहे उस दौर के सबसे शक्तिशाली शासक सम्राट अकबर के विरूद्ध गोण्डवाना समाज की जोरदार प्रतिकार की बात हो या देश की स्वाधीनता के लिए अंग्रेजों के जुल्मोशितम की प्रतिकार की बात हो। ठाकुर ने वर्तमान समय को आदिवासियों के लिए बेहद चुनौती भरा एवं अत्यंत कठिन बताया। उन्होंने इसका सामना करने के लिए समाज के लोगों को सभी तरह से सबल एवं सक्षम बनने की अपील की। इसके लिए उन्होंने समाज के लोगों को संगठित होने तथा शैक्षणिक, बौद्धिक, आर्थिक हर दृष्टि से सक्षम बनने की आवश्यकता बताई। विशेष अतिथि श्री गोविंद टेकाम ने आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के संबंध में रोचक एवं पे्ररणास्पद जानकारियां देते हुए समाज के युवाओं को गंभीर बनने की अपील भी की। कार्यक्रम को पटवारी संघ के जिला अध्यक्ष लखन सोरी, बाबूराव हिड़को, अरविंद गोटे, पवन तुलावी सहित अन्य अतिथियों ने भी संबोधित करते हुए महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर आदिवासी समाज की युवा-युवतियों ने आदिवासी संस्कृति पर आधारित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति से सभी को भाव विभोर कर दिया।

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