छत्तीसगढ़

जिले में मनाया गया विश्व मच्छर दिवस

Nilmani Pal
21 Aug 2022 4:55 AM GMT
जिले में मनाया गया विश्व मच्छर दिवस
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जगदलपुर। मच्छर वह कीट है जो मनुष्य के शरीर में रोग फैलाने की क्षमता रखता है, मच्छर पूरे विश्व में फैले हुए है और इनके द्वारा फैलाई जाने वाले बीमारी से हर साल विश्व में लाखों लोगों प्रभावित होते है। बस्तर जिले में भी प्रतिवर्ष हजारों लोग इससे प्रभावित होते है। इन मच्छरों से बचने के लिए हर साल 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है। इस उपलक्ष्य में स्वास्थ्य विभाग द्वारा शनिवार को जगदलपुर शहर में जन समुदाय को जागरूक करने सिरहसार चौक से रैली निकाली गई।

विश्व मच्छर दिवस पर कलेक्टर चन्दन कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उन्होंने बताया: "मच्छर जनित रोगों से बचाव के लिये प्रशासन पुरी तरह से प्रतिबद्ध है। जिले में लगातार विशेष अभियान चलाकर मच्छरों के लार्वा को नष्ट किया जा रहा है। मच्छरों से होने वाले रोगों से बचाव के लिए पूरे बदन को ढकने वाले कपड़े का अधिक उपयोग करें। सोने के दौरान निश्चित रूप से मच्छरदानी लगाएं। इस बात का सोने के दौरान ख्याल रखें। इसके अलावा घर के आसपास जलजमाव वाली जगहों को मिट्टी से भर दें एवं किसी भी स्थिति में जलजमाव नहीं होने दें।"

इस सम्बंध में सीएमएचओ डॉ.आर.के.चतुर्वेदी ने बताया : "मच्छर के काटने से होने वाली बीमारियों के बारे में आमजन को जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा रैली निकालकर मच्छरों से होने वाले रोगों, लक्षण तथा इससे बचाव से संबंधित आवश्यक उपायों की जानकारी दी गई। मच्छर का काटना और उसके बाद होने वाली खुजली होना एक छोटी सी समस्या है लेकिन नजरअंदाज करने पर ये संक्रमण गंभीर लक्षणों को भी बढ़ावा दे सकता है। मच्छर के काटने से मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया, फाइलेरिया व जापानीज इंसेकिलाइटिस जैसी खतरनाक बीमारी होती है। समय पर इलाज नहीं करवाने से मरीज की मौत भी हो जाती है।"

आगे जानकारी देते हुए उन्होंने बताया: "मच्छर के काटने से होने वाला रोग में मलेरिया एक खतरनाक बीमारी है, जो अक्सर गम्भीर स्थिति उत्पन्न कर देती है। मादा एनोफिलीज मच्छर प्रोटोजुअन प्लासमोडियम नामक कीटाणु के प्रमुख वाहक होते हैं, जो एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक कीटाणु फैला देते हैं। इसके अलावा हमें डेंगू से बहुत अधिक सावधान रहने की जरूरत है। डेंगू पैदा करने वाला मच्छर अलग होता है और इसके लक्षण घंटों में देखे जा सकते हैं। डेंगू का लार्वा सामान्यतः जमे हुए साफ पानी में पनपता है और इसे पनपने के लिए जुलाई से लेकर अक्टूबर का समय काफी अनुकूल होता है। यही वजह है कि इस समयावधि में सतर्क रहना जरूरी होता है। डेंगू से बचाव के लिए सभी शासकीय अस्पतालों में निशुल्क उपचार की व्यवस्था है। पिछले कुछ सालों में डेंगू के मामलों में थोड़ी गिरावट देखी गई है, लेकिन अब भी ये पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। चिकित्सक के सलाह के बिना कोई भी दर्द निवारक दवा का सेवन न करें, छत के आस पास प्रयोग में नही आने वाले बर्तन,टायर आदि न रखें। बगैर जाली लगे खिड़की तथा दरवाजे, सुबह एवं शाम खुला न रखे क्योंकि इस समय मच्छर का प्रकोप अधिक होता है। यदि किसी व्यक्ति को संक्रमित मच्छर के काटने का संदेह हो,तो अपना परीक्षण करवाएं और आवश्यक चिकित्सा सहायता लें।"

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