छत्तीसगढ़

वर्ल्ड हार्ट डे विशेष : जानिए दिल के राज डॉक्टर जाहिद खान के साथ

Nilmani Pal
28 Sep 2023 12:04 PM GMT
वर्ल्ड हार्ट डे विशेष : जानिए दिल के राज डॉक्टर जाहिद खान के साथ
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राजनांदगांव। प्रतिवर्ष 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता है इस वर्ष की थीम ‘Use heart, know heart is open- ended’ है , जो हमें याद दिलाती है कि हम अपने दिल के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी खुद ले और खुद सुरक्षित रहने और सुरक्षित रखने के लिए जागरूक रहे | वर्ल्ड हार्ट डे की शुरुआत साल 2000 में वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन(WHF) और वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन (WHO) ने साथ मिलकर की थी इसका मुख्य उद्देश्य हार्ट संबंधी बीमारियों की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करना और जानलेवा बीमारी से सतर्क रखना है | हृदय संबंधी बीमारी के विषय में अधिक जानकारी के लिए हमने संजीवनी हार्ट केयर हॉस्पिटल राजनांदगांव के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर जाहिद खान से फोन पर संपर्क कर बात की |

बातचीत के अंश:-

(1) प्रश्न - हृदय संबंधी बीमारियों के मुख्य कारण क्या है?

उ. हृदय संबंधी बीमारियों का मुख्य कारण जीवन शैली जनित है, जिसमें मुख्य रूप से स्मोकिंग शराब का सेवन, फास्ट फूड का अत्यधिक सेवन, मिर्च मसाले वाले वस्तुओं का सेवन आदि शामिल है । वही हार्ट संबंधी कुछ रोग अनुवांशिक होते हैं |

(2) प्रश्न- हृदय संबंधी बीमारियों के मुख्य लक्षण क्या है?

उ. हृदय संबंधी बीमारियों के मुख्य लक्षण हैं सीने में दर्द, जकड़न,, लेफ्ट साइड में दर्द, पीठ में दर्द, लेफ्ट शोल्डर में दर्द, धड़कन का काम होना या ज्यादा होना या अनियमित होना चक्कर आना इत्यादि हार्ड डिजीज के प्राथमिक लक्षण है।

(3) प्रश्न- बच्चों को होने वाले हृदय रोग, हृदय में छेद का क्या कारण हो सकता है?

उ. बच्चों में होने वाले हृदय रोग या हृदय में छेद होने का कारण अनुवांशिक भी हो सकता है जो कि कभी-कभी या तो पूर्ण रूप से बच्चे को प्रभावित करता है या तो आंशिक रूप से बच्चों को प्रभावित करता है l परन्तु जल्दी जाँच, कार्डियो सोनोग्राफी से बीमारी का पता लगा कर पूर्ण उपचार संभव है |

(4) प्रश्न- क्या गर्भ में पल रहे बच्चे के हार्ट सम्बन्धी बीमारी का पता लगाया जा सकता है ?

उ. कार्डियो सोनोग्राफी से गर्भ में पल रहे बच्चे के बीमारी का पता लगाया जा सकता है इसलिए बच्चे के जन्म के पूर्व या जन्म के दस दिवस के भीतर जाँच करने से बच्चे के पूर्ण स्वस्थ्य होने की संभावना अधिक होती है |

अतः ह्रदय रोगों से बचाओ का उपाय जारुकता एवं जीवन शैली में सुधार है|

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